AMAR UJALA : Apr 28, 2020, 09:36 AM
कोरोना के इलाज में वैज्ञानिकों ने एक नया दावा किया है। अमेरिका के नॉर्थशोर यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरव शाह ने कहा है कि एंटी पैरासाइट (कीड़े मारने की) दवा इन्वर्टीमाइसिन से वायरस को दो दिन में मारा जा सकता है। शाह के मुताबकि, ये दवा सुरक्षित है और दुनियाभर में आसानी से मिल सकती है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के डॉ. काइली वॉगस्टाफ का भी कहना है कि उन्होंने अध्ययन में पाया है कि दवा की एक डोज से वायरस का आरएनए को 48 घंटे या 24 घंटे के भीतर खत्म कर सकता है।कोरोना मरीजों में दिखा सुधारफ्लोरिडा के ब्रोवॉर्ड हेल्थ मेडिकल सेंटर के डॉ. जैक्स रैज्टर का कहना है कि वे पहले से ही संक्रमितों के इलाज में इस दवा का प्रयोग कर रहे हैं। दवा का असर भी दिख रहा है। इसी तरह उटाह यूनिवर्सिटी के डॉ. अमित पटेल ने शोध में कहा, फेफड़े में नुकसान वाले वेंटिलेटर पर रखे गए गंभीर मरीजों में भी इन्वर्टीमाइसिन का बेहतर परिणाम देखने को मिला।मरीज जल्दी आएगा तो फायदा जल्दी दिखेगाडॉ. जैक्स का कहना है कि मरीज जितनी जल्दी इलाज के लिए आएगा, फायदा उतना अधिक होगा। अगर उसे ऑक्सीजन की जरूरत 50 फीसदी से कम है तो संभावना है कि उसे 100 फीसदी फायदा होगा। कुछ लोगों में ये दवा असर नहीं कर सकती है, क्योंकि उनकी स्थिति और मरीजों की तुलना में गंभीर होती है।आवश्यक दवा सूची में शामिल...इन्वर्टीमाइसिन दवा पहली बार 1970-80 में बनी थी। इसका इस्तेमाल पशुओं में मिलने वाले कीड़ों को मारने के लिए किया जाता था। इसके बाद इस दवा का इस्तेमाल मनुष्यों के सिर में होने वाले जुओं को मारने के लिए होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आवश्यक दवाओं की सूची में ये दवा शामिल है।पर कोरोना पैरासाइट नहीं...कोरोना एक वायरस है न की पैरासाइट। ऐसे में इस दवा से वो कैसे खत्म हो सकता है? इस सवाल पर वैज्ञानिकों का कहना है कि इन्वर्टीमाइसिन वायरल आरएनए राइबो-न्यूक्लिक एसिड को ब्लॉक करने का काम करती है, जिससे स्वस्थ कोशिकाएं संक्रमण की चपेट में आने से बचती हैं और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे वह लंबे समय तक वायरस से लड़ सकता है।यूएस एफडीए बोला, और शोध की जरूरतअमेरिकी संस्था फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने आगाह किया है कि जानवरों के इलाज में इस्तेमाल दवा मनुष्यों पर असर करे यह जरूरी नहीं। इसके इस्तेमाल से पहले और अधिक अध्ययन की जरूरत है। कोरोना वायरस में इन्वर्टीमाइसिन दवा कितनी प्रभावी है, ये अध्ययन के बाद ही पता चल सकेगा।