News18 : May 24, 2020, 08:14 AM
जयपुर। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बाहर से आए प्रवासी मजदूरों और अन्य प्रवासियों को राजस्थान (Rajsasthan) सरकार 2 माह तक पांच-पांच किलो गेहूं मुफ्त देगी। खाद्य विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रवासी व्यक्ति और अन्य विशेष श्रेणी के लोग (जो खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में शामिल नहीं हैं) उन्हें आगामी 2 माह तक 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं निशुल्क दिया जाएगा। इसके लिए सर्वे करवाकर डेटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से जरूरतमंदों को गेहूं वितरित किया जा सके।
सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि खाद्य विभाग ऐसे प्रवासियों (जिनका नाम एनएफएसए सूची में नहीं है) तक 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं पहुंचाकर उन्हें राहत प्रदान करें। सीएम ने खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लोगों के नाम हटाकर वास्तविक हकदार लागों के नाम जोड़ने के निर्देश दिए। सीएम ने पॉश मशीनों के अपग्रेडेशन के निर्देश दिए, ताकि नेटवर्क नहीं मिलने और बायोमीट्रिक सत्यापन में समय नहीं लगे। लॉकडाउन की अवधि में जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश में 3।7 करोड़ असहाय व जरूरतमंदों को सूखा राशन एवं पकी हुई खाद्य सामग्री वितरित की गई।इस मामले में मॉडल स्टेटबीते शनिवार को सीएम अशोक गहलोत ने वीसी के जरिए खाद्य विभाग के कामकाज की समीक्षा की, सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में गरीबों, असहाय व जरूरतमंदों को राशन सामग्री वितरण के मामले में राजस्थान मॉडल स्टेट के रूप में उभरा है। सीएम ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में मुफ्त गेहूं वितरण पर राज्य सरकार ने 114 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि वहन की गई। भारतीय खाद्य निगम से गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में तीन गुना किया गया। गेहूं का उठाव एक माह में ही किया जा रहा है जबकि पहले इसमें दो माह का समय लगता था। अप्रैल व मई 2020 में गेहूं वितरण सामान्य की तुलना में दुगुना किया गया है।
गरीबों को एनएफएसए में शामिल करने की छूटराज्य के खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने शहरी क्षेत्रों में पात्र होने के बाद भी एनएफएसए की सूची में शामिल नहीं हो पाए गरीबों को जोड़ने के लिए कुछ शिथिलता देने का भी आग्रह किया। रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश में 25 जिलों में केरोसीन की मांग नहीं होने के कारण इन जिलों को केरोसीन फ्री किया जा चुका है। धीरे-धीरे अन्य जिलों को भी केरोसिन मुक्त करने की योजना पर काम किया जा रहा है।खाद्य विभाग की फैक्ट फाइलप्रदेश में जनवरी 2019 तक एनएफएसए के तहत 3।7 करोड़ लोगों को गेहूं का वितरण किया जा रहा था। इसमें एक वर्ष में 70 लाख लोगों की बढ़ोतरी हुई है। अब करीब 4।4 करोड़ लोगों को गेहूं वितरण किया जा रहा है। एनएफएसए में जनवरी 2019 से अभी तक 46 लाख नए लाभार्थी जोड़े गए हैं एवं 11 लाख का नाम हटाया गया है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 65 लाख ऎसे लोग जो एनएफएसए में कवर नहीं हो रहे हैं, उनके डेटा सर्वे के लिए सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं।
सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि खाद्य विभाग ऐसे प्रवासियों (जिनका नाम एनएफएसए सूची में नहीं है) तक 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं पहुंचाकर उन्हें राहत प्रदान करें। सीएम ने खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लोगों के नाम हटाकर वास्तविक हकदार लागों के नाम जोड़ने के निर्देश दिए। सीएम ने पॉश मशीनों के अपग्रेडेशन के निर्देश दिए, ताकि नेटवर्क नहीं मिलने और बायोमीट्रिक सत्यापन में समय नहीं लगे। लॉकडाउन की अवधि में जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश में 3।7 करोड़ असहाय व जरूरतमंदों को सूखा राशन एवं पकी हुई खाद्य सामग्री वितरित की गई।इस मामले में मॉडल स्टेटबीते शनिवार को सीएम अशोक गहलोत ने वीसी के जरिए खाद्य विभाग के कामकाज की समीक्षा की, सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में गरीबों, असहाय व जरूरतमंदों को राशन सामग्री वितरण के मामले में राजस्थान मॉडल स्टेट के रूप में उभरा है। सीएम ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में मुफ्त गेहूं वितरण पर राज्य सरकार ने 114 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि वहन की गई। भारतीय खाद्य निगम से गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में तीन गुना किया गया। गेहूं का उठाव एक माह में ही किया जा रहा है जबकि पहले इसमें दो माह का समय लगता था। अप्रैल व मई 2020 में गेहूं वितरण सामान्य की तुलना में दुगुना किया गया है।
गरीबों को एनएफएसए में शामिल करने की छूटराज्य के खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने शहरी क्षेत्रों में पात्र होने के बाद भी एनएफएसए की सूची में शामिल नहीं हो पाए गरीबों को जोड़ने के लिए कुछ शिथिलता देने का भी आग्रह किया। रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश में 25 जिलों में केरोसीन की मांग नहीं होने के कारण इन जिलों को केरोसीन फ्री किया जा चुका है। धीरे-धीरे अन्य जिलों को भी केरोसिन मुक्त करने की योजना पर काम किया जा रहा है।खाद्य विभाग की फैक्ट फाइलप्रदेश में जनवरी 2019 तक एनएफएसए के तहत 3।7 करोड़ लोगों को गेहूं का वितरण किया जा रहा था। इसमें एक वर्ष में 70 लाख लोगों की बढ़ोतरी हुई है। अब करीब 4।4 करोड़ लोगों को गेहूं वितरण किया जा रहा है। एनएफएसए में जनवरी 2019 से अभी तक 46 लाख नए लाभार्थी जोड़े गए हैं एवं 11 लाख का नाम हटाया गया है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 65 लाख ऎसे लोग जो एनएफएसए में कवर नहीं हो रहे हैं, उनके डेटा सर्वे के लिए सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं।