दुनिया / अब चीन के सूअरों को हुई ये अजीब बीमारी, एक की मौत और 9 संक्रमित

News18 : Jul 13, 2020, 04:02 PM
बीजिंग। कोरोना महामारी के बीच चीन में अब सूअरों में भी अजीब सी बीमारी देखने को मिल रही है। सोमवार को झांजियांग के गुआंगडोंग प्रांदत में खुर-मुंह बीमारी (Foot-Mouth Disease) के कारण एक सूअर (Pig) की मौत हो गई। जबकि 131 सूअरों में नौ में यह संक्रमण फैल गया है। चीन के मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर और रूरल अफैयर्स ने इस बारे में जानकारी दी। बता दें, खुर-मुंह रोग अत्यंत संक्रामक विषाणु जनित रोग है। यह छूत की बीमारी है। इस रोग से अधिकतर मामलों में पशु की मौत तो नहीं होती, लेकिन दूध देने वाले पशु दूध देना कम कर देते हैं या बंद कर देते हैं। यह रोग गाय, भैंस, भेड़, बकरी व सूअर आदि पशुओं को होता है।


रोग के लक्षण

इस रोग में पशु को तेज बुखार होता है। बीमार पशु के मुंह, मसूड़े, जीभ के ऊपर नीचे व खुरों के बीच की जगह पर छोटे-छोटे दाने से उभर आते हैं। धीरे-धीरे ये दाने आपस में मिलकर बड़ा छाला बनाते हैं। ये छाले फट जाते हैं और उनमें जख्म हो जाता है। ऐसी स्थिति में पशु जुगाली करना बंद कर देता है। मुंह से लार गिरती है। पशु सुस्त पड़ जाते हैं और कुछ भी नहीं खाते हैं। खुर में जख्म होने से पशु लंगड़ाकर चलता है। जख्मों में जब कीचड़ मिट्टी आदि लगती है तो उनमें कीड़े पड़ जाते हैं। दुधारू पशुओं में दूध का उत्पादन एकदम गिर जाता है।

रोग में उपचार

रोगग्रस्त पशु के खुर को नीम एवं पीपल की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में दो से तीन बार धोना चाहिए। खुरों को फिनाइल युक्त पानी से दिन में दो-तीन बार धोकर मक्खी को दूर रखने वाली मरहम का प्रयोग करना चाहिए। मुंह के छाले को एक ग्राम फिटकरी 100 मिलीलीटर पानी में घोलकर दिन में तीन बार धोना चाहिए। इस दौरान पशुओं को मुलायम चारा दिया जाना चाहिए। बचाव के लिए रोग से पहले ही टीके लगवाना फायदेमंद होता है।

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