AajTak : Sep 06, 2020, 04:48 PM
Delhi: कोविड 19 से मरने वालों की संख्या दिन-ब दिन बढ़ती जा रही है। साथ ही शवों की बदला-बदली के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। झारखंड के जमशेदपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जमशेदपुर के एक निजी अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया गया। कब्रिस्तान पहुंचने पर जब दफनाने से पहले शव के ऊपर से कपड़ा हटाया गया तो पता चला कि यह शव महिला का है, जबकि मौत पुरुष की हुई थी।
मोहम्मद समीर अंसारी की मौत कोरोना की वजह से हुई। अस्पताल ने शव को पॉलिथीन में पैक कर के जमशेदपुर भेज दिया। अंतिम संस्कार की विधि के लिए पीपीई किट के साथ मृतक के परिजन ने शव को खोला तो देखकर हैरान रह गया। मृतक पुरुष था और शव महिला का मिला था। उसके बाद जब इसकी सूचना मृतक के परिजनों ने एसीएस हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉक्टर मोहम्मद आसिफ को दी तो उनके भी होश उड़ गए। अंतिम संस्कार तो नहीं हुआ लेकिन शव को लेकर बवाल शुरू हो गया है। जमशेदपुर में इससे पहले भी शव की अदला बदली हो चुकी हैं।झारखंड के मुख्यामंत्री ने इस घटना का संज्ञान लिया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है। वहीं मृतक के बड़े भाई अब्दुल हमीद ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका है कि कोरोना के नाम पर अस्पताल ने उनके परिवार को जमकर लूटा है। घर के किसी सदस्य को मरीज से मिलने भी नहीं दिया गया। बॉडी को बिना दिखाए हम लोगों के पास भेज दी। परिजनों ने जब कब्रिस्तान में मृतक का शव देखा तो चिल्ला उठे। क्योंकि इसमें पुरुष की नहीं महिला की डेड बॉडी थी। परिवार वालों का कहना है कि जब अस्पताल को इसके बारे में सूचना दी गई तो पहले तो उन्होंने मानने से ही इनकार कर दिया। फिर इसकी सूचना हमने जिला प्रशासन को दी। फिर उन्हें सही डेड बॉडी सौंपी गई। इस मामले में एसपी सिटी जमशेदपुर सुभाष चंद्र जाट का कहना है कि हम लोगों को सूचना मिली थी कि कब्रिस्तान में हंगामा हो गया है। वहां जाकर पता चला कि डेड बॉडी बदल गई है और पुरुष की जगह महिला का शव अस्पताल वालों ने दे दिया।
मोहम्मद समीर अंसारी की मौत कोरोना की वजह से हुई। अस्पताल ने शव को पॉलिथीन में पैक कर के जमशेदपुर भेज दिया। अंतिम संस्कार की विधि के लिए पीपीई किट के साथ मृतक के परिजन ने शव को खोला तो देखकर हैरान रह गया। मृतक पुरुष था और शव महिला का मिला था। उसके बाद जब इसकी सूचना मृतक के परिजनों ने एसीएस हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉक्टर मोहम्मद आसिफ को दी तो उनके भी होश उड़ गए। अंतिम संस्कार तो नहीं हुआ लेकिन शव को लेकर बवाल शुरू हो गया है। जमशेदपुर में इससे पहले भी शव की अदला बदली हो चुकी हैं।झारखंड के मुख्यामंत्री ने इस घटना का संज्ञान लिया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है। वहीं मृतक के बड़े भाई अब्दुल हमीद ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका है कि कोरोना के नाम पर अस्पताल ने उनके परिवार को जमकर लूटा है। घर के किसी सदस्य को मरीज से मिलने भी नहीं दिया गया। बॉडी को बिना दिखाए हम लोगों के पास भेज दी। परिजनों ने जब कब्रिस्तान में मृतक का शव देखा तो चिल्ला उठे। क्योंकि इसमें पुरुष की नहीं महिला की डेड बॉडी थी। परिवार वालों का कहना है कि जब अस्पताल को इसके बारे में सूचना दी गई तो पहले तो उन्होंने मानने से ही इनकार कर दिया। फिर इसकी सूचना हमने जिला प्रशासन को दी। फिर उन्हें सही डेड बॉडी सौंपी गई। इस मामले में एसपी सिटी जमशेदपुर सुभाष चंद्र जाट का कहना है कि हम लोगों को सूचना मिली थी कि कब्रिस्तान में हंगामा हो गया है। वहां जाकर पता चला कि डेड बॉडी बदल गई है और पुरुष की जगह महिला का शव अस्पताल वालों ने दे दिया।