मानसून सत्र / किसानों के मुद्दे पर आर-पार, सत्तापक्ष और विपक्ष ने की फौज तैयार

AajTak : Sep 21, 2020, 07:52 AM
Delhi: संसद का मानसून सत्र चल रहा है। वहीं मानसून सत्र के सातवें दिन राज्यसभा में कृषि से संबंधित दो बिल पास किए गए। इन बिल को लेकर विपक्ष की ओर से काफी हंगामा देखने को मिला। वहीं किसान बिल के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे पर हमलावर रुख अपना रही है। मानसून सत्र के सातवें दिन राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और  कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 पास हो गए। बिल ध्वनि मत से पास हुए जबकि विपक्ष का कहना है उनकी डिविजन की मांग को अनसुना कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष ने काफी हंगामा भी किया गया। वहीं विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने भी केंद्रीय मंत्रियों की अपनी फौज तैयार की।

राज्यसभा में ध्वनि मत से कृषि से जुड़े दो बिलों को पास करवाया गया। इन बिल को लेकर सदन के अंदर और बाहर विपक्ष का भी काफी हंगामा देखने को मिला है। वहीं कांग्रेस ने इसे काला दिन करार देते हुए आरोप लगाया है कि जब सरकार को एहसास हुआ कि उसके पास बहुमत नहीं है तो सरकार ने ध्वनि मत से बिल को पास करवा लिया। मोदी सरकार राजनीतिक दलों, किसानों और संसद की अनदेखी कर रही है। वहीं कांग्रेस समेत 12 विपक्षी दल राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।


रूल बुक फाड़ी

वहीं रविवार को राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी थी। डेरेक ओ ब्रायन और तृणमूल कांग्रेस के बाकी सांसदों ने आसन के पास जाकर रूल बुक दिखाने की कोशिश की और उसको फाड़ दिया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया है।


विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जवाब देते रहे। इस बीच सदन में हंगामा कर रहे सांसदों ने आसन के सामने लगे माइक को भी तोड़ दिया। इसके अलावा राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी सांसदों की ओर से नारेबाजी भी देखने को मिली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए।


6 केंद्रीय मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस

राज्यसभा में हुई घटना को लेकर केंद्र सरकार के 6 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इनमें राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, थावर चंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी शामिल रहे। मंत्रियों की ओर से विपक्ष पर निशाना साधते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के साथ हुई घटना को गलत बताया गया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह घटना काफी गलत थी। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। यह दुखद थी। संसदीय मर्यादा का उल्लंघन हुआ। उपसभापति के साथ किया गया आचरण गलत था। आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना काफी दुखद था। इससे न केवल उनकी प्रतिष्ठा को बल्कि संसदीय लोकतंत्र को भी चोट पहुंची है।


लोकसभा में बिल पास

इसके अलावा लोकसभा में आज एफसीआरए और देश में कोरोना वायरस की स्थिति पर चर्चा हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि जल्द ही कोरोना के खिलाफ जंग में जीत मिलेगी। इसके अलावा लोकसभा में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक 2020, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2020, मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2020 और अर्हताप्राप्त वित्तीय संविदा विधेयक, 2020 की द्विपक्षीय नेटिंग पास किए गए।


राज्यसभा में पेश होंगे तीन बिल

वहीं अब 21 सितंबर को राज्यसभा में तीन बिल पेश किए जाएंगे। इन बिल में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून संस्थान (संशोधन) विधेयक 2020 और बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक 2020 शामिल है।

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