News18 : Apr 17, 2020, 05:20 PM
जयपुर। कोरोना (COVID-19) संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके तहत मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केबिनेट मंत्री और राज्य मंत्रियों के अप्रैल महीने के मूल वेतन को राज्य सरकार की ओर से बनाए गए कोविड-19 सहायता कोष (Relief Fund) में जमा करवाया जाएगा। मंत्रिमंडल सचिवालय ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं।
31 मार्च को भी लिया था निर्णय
इस राशि का उपयोग कोरोना प्रभावितों की सहायता के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी मंत्री कोविड-19 राहत कोष में एक-एक लाख रुपए देंगे। कांग्रेस के सभी एमएलए एक-एक महीने का वेतन देंगे। कोरोना संकट के चलते राज्य की कमजोर हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए और कोरोना से लड़ने के लिए 31 मार्च को भी राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था। इस फैसले के मुताबिक मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक और समस्त विधायकों के मार्च महीने के सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 75 प्रतिशत हिस्सा स्थगित (डेफर) रखा गया था।अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन में भी की गई थी कटौती
वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का 60 फ़ीसदी वेतन स्थगित किया गया था। इसी तरह अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का मार्च महीने का 60 प्रतिशत वेतन, राज्य सेवा और अधीनस्थ सेवा के कार्मिकों का 50 प्रतिशत वेतन और चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को छोड़कर अन्य कार्मिकों का मार्च महीने के सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 30 प्रतिशत वेतन स्थगित रखा गया था।
कोविड-19 में भामाशाहों समेत आमजन ने भी दिया है अशंदान
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से बनाए गए कोविड-19 सहायता कोष में प्रदेश भामाशाहों, सामाजिक संस्थाओं और आमजन ने भी दिल खोलकर सहयोग दिया है। कई लोग ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने अपनी सामर्थ्य से बाहर जाकर भी कोरोना प्रभावितों की मदद के लिए इस कोष में अशंदान जमा करवाया है। इससे पहले भी आपदा के समय जब-जब सरकार ने इस तरह के राहत कोष का गठन किया तब-तब प्रदेश की जनता ने दिल खोलकर सरकार का सहयोग किया है।
31 मार्च को भी लिया था निर्णय
इस राशि का उपयोग कोरोना प्रभावितों की सहायता के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी मंत्री कोविड-19 राहत कोष में एक-एक लाख रुपए देंगे। कांग्रेस के सभी एमएलए एक-एक महीने का वेतन देंगे। कोरोना संकट के चलते राज्य की कमजोर हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए और कोरोना से लड़ने के लिए 31 मार्च को भी राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था। इस फैसले के मुताबिक मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक और समस्त विधायकों के मार्च महीने के सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 75 प्रतिशत हिस्सा स्थगित (डेफर) रखा गया था।अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन में भी की गई थी कटौती
वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का 60 फ़ीसदी वेतन स्थगित किया गया था। इसी तरह अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का मार्च महीने का 60 प्रतिशत वेतन, राज्य सेवा और अधीनस्थ सेवा के कार्मिकों का 50 प्रतिशत वेतन और चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को छोड़कर अन्य कार्मिकों का मार्च महीने के सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 30 प्रतिशत वेतन स्थगित रखा गया था।
कोविड-19 में भामाशाहों समेत आमजन ने भी दिया है अशंदान
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से बनाए गए कोविड-19 सहायता कोष में प्रदेश भामाशाहों, सामाजिक संस्थाओं और आमजन ने भी दिल खोलकर सहयोग दिया है। कई लोग ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने अपनी सामर्थ्य से बाहर जाकर भी कोरोना प्रभावितों की मदद के लिए इस कोष में अशंदान जमा करवाया है। इससे पहले भी आपदा के समय जब-जब सरकार ने इस तरह के राहत कोष का गठन किया तब-तब प्रदेश की जनता ने दिल खोलकर सरकार का सहयोग किया है।