देश / राज्यसभा में हंगामा करने वाले विपक्षी सदस्य हो सकते हैं निलंबित: सूत्र

News18 : Sep 21, 2020, 06:34 AM
नई दिल्ली। राज्यसभा (Rajyasbha) के उपसभापति के साथ कथित दुर्व्यव्हार को लेकर सरकार काफी सख्त है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह (Dy Chairman Harivansh Narayan Singh) के साथ दुर्व्यव्हार करने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाया जा सकता है। न्यूज एजेंसी एएनआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संसदीय कार्य मंत्री रविवार के उपसभापति हरिवंश के साथ दुर्व्यवहार करने वाले सांसदों के निलंबन के लिए राज्यसभा में प्रक्रिया 256 के नियम और व्यापार के संचालन के तहत कल प्रस्ताव लाने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि निलंबन का निर्णय कल अध्यक्ष द्वारा किए जाने की संभावना है।

राज्यसभा में रविवार को हुए हंगामे को लेकर सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी दलों के बीच सियासी घमासान और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि भाजपा सदन में कृषि विधेयकों को पारित किये जाने के दौरान अमर्यादित आचरण करने के आरोपी कुछ विपक्षी सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। कार्यवाही के स्थगन के विपक्षी दलों के अनुरोध की अनदेखी के बाद जिस तरह से सदन में विधेयकों को पारित किया गया उसे लेकर 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था जिसके बाद भाजपा की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई।एक सूत्र ने कहा कि विपक्षी दलों के नोटिस देने के थोड़ी देर बाद कुछ केंद्रीय मंत्री राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के आवास पर पहुंचे और विपक्षी सांसदों द्वारा कथित तौर पर किये गए अमर्यादित आचरण और हंगामे के पूरे प्रकरण से उन्हें अवगत कराया।

कार्यवाही का संचालन कर रहे उपसभापति पर विपक्ष ने फेंके कागज

सूत्र ने कहा कि सरकार सदन में एक पार्टी के नेता समेत तीन से चार सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है।

राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विधेयकों के पारित होने के दौरान उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे उपसभापति हरिवंश पर कागज फेंके। कुछ विपक्षी सदस्य अधिकारियों की टेबल पर खड़े नजर आए और सभापति के आसन के सामने लगा माइक भी तोड़ दिया क्योंकि उनका आरोप था कि विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने के उनके प्रस्ताव पर मत विभाजन की मांग की अनदेखी की गई।

इन दलों ने दी उपसभापति के खिलाफ नोटिस

विपक्षी दलों के हंगामे के बीच विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिये गए। उप सभापति के खिलाफ नोटिस देने वाले दलों में कांग्रेस, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, भाकपा, माकपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, द्रमुक और आम आदमी पार्टी शामिल हैं

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