Dainik Bhaskar : Sep 21, 2019, 01:31 PM
जयपुर. प्रदेश में परिवहन विभाग ने अपने ड्राइवरों के लिए नया फरमान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विभाग में लगे सभी सरकारी और प्राइवेट वाहनों के ड्राइवर अपने वाहन के डैशबोर्ड पर पत्नी-बच्चाें सहित खुद की संयुक्त फाेटाे लगाएं। तर्क दिया कि इनकी फाेटाे सामने रहेगी ताे ड्राइवर गलत तरीके से वाहन नहीं चलाएगा।
हालांकि, इस आदेश काे लेकर विवाद भी शुरू हाे गया है। ड्राइवर दबी जुबां में कह रहे हैं कि वे अपने परिवार की फाेटाे क्याें लगाएं, यह निजी मामला है और वाहन में ताे अफसर भी बैठते हैं, वे भी इसे देखेंगे। अगर फाेटाे लगवानी ही है ताे अफसराें की बीवी-बच्चाें की लगानी चाहिए। यही कारण है कि अधिकांश ड्राइवराें ने अब तक परिवार की संयुक्त फाेटाे विभाग काे नहीं दी है, जबकि उप परिवहन आयुक्त (प्रशासन) अमृता चाैधरी की ओर से जारी आदेशाें के तहत ये फाेटाे 9 सितंबर तक स्टाेर में दी जानी थी। वहां से इसे फ्रेम में लगाकर दी जानी थी और डैश बाेर्ड पर लगानी थी।
ड्राइवराें का कहना है कि वे वर्षाें से सरकारी वाहन चला रहे हैं, लेकिन अभी तक काेई हादसा नहीं हुआ। इस तरह का आदेश खासताैर से टैक्सी व अन्य वाहनाें के लिए निकाले जाने चाहिए थे।
सड़क दुर्घटनाओं में प्रदेश में हर साल 10 हजार से अधिक मौतें
विभाग में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अलग से सड़क सुरक्षा सेल बनी हुई है। यह सेल हर साल सड़क सुरक्षा पर करीब 50 कराेड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है। प्रदेश में अभी भी सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 10 हजार से अधिक माैतें हाे रही हैं।
सभी विभागों में लागू करेंगे
हमें है इंतजार स्कीम के तहत यह आदेश दिए हैं। इसका उद्देश्य ड्राइवर काे गलत ड्राइविंग करने से राेकना है। यह स्कीम राेडवेज, माेटर गैरेज सहित अन्य विभागाें में लागू की जाएगी। इसकी अप्रूवल के लिए फाइल मंत्री के पास भेजी गई है।
हालांकि, इस आदेश काे लेकर विवाद भी शुरू हाे गया है। ड्राइवर दबी जुबां में कह रहे हैं कि वे अपने परिवार की फाेटाे क्याें लगाएं, यह निजी मामला है और वाहन में ताे अफसर भी बैठते हैं, वे भी इसे देखेंगे। अगर फाेटाे लगवानी ही है ताे अफसराें की बीवी-बच्चाें की लगानी चाहिए। यही कारण है कि अधिकांश ड्राइवराें ने अब तक परिवार की संयुक्त फाेटाे विभाग काे नहीं दी है, जबकि उप परिवहन आयुक्त (प्रशासन) अमृता चाैधरी की ओर से जारी आदेशाें के तहत ये फाेटाे 9 सितंबर तक स्टाेर में दी जानी थी। वहां से इसे फ्रेम में लगाकर दी जानी थी और डैश बाेर्ड पर लगानी थी।
ड्राइवराें का कहना है कि वे वर्षाें से सरकारी वाहन चला रहे हैं, लेकिन अभी तक काेई हादसा नहीं हुआ। इस तरह का आदेश खासताैर से टैक्सी व अन्य वाहनाें के लिए निकाले जाने चाहिए थे।
सड़क दुर्घटनाओं में प्रदेश में हर साल 10 हजार से अधिक मौतें
विभाग में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अलग से सड़क सुरक्षा सेल बनी हुई है। यह सेल हर साल सड़क सुरक्षा पर करीब 50 कराेड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है। प्रदेश में अभी भी सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 10 हजार से अधिक माैतें हाे रही हैं।
सभी विभागों में लागू करेंगे
हमें है इंतजार स्कीम के तहत यह आदेश दिए हैं। इसका उद्देश्य ड्राइवर काे गलत ड्राइविंग करने से राेकना है। यह स्कीम राेडवेज, माेटर गैरेज सहित अन्य विभागाें में लागू की जाएगी। इसकी अप्रूवल के लिए फाइल मंत्री के पास भेजी गई है।