दुनिया / पाकिस्तान दे रहा है खालिस्तानी आतंकियों को मदद, भारत-कनाडा की सुरक्षा खतरे में

News18 : Sep 10, 2020, 04:25 PM
ओटावा। पाकिस्तान (Pakistan) अपनी हरक़तों से बाज नहीं आ रहा है। मोदी सरकार (Modi Govt) के कड़े रवैये के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से इस्लामी आतंकवाद को सेना ने बड़े पैमाने पर खदेड़ दिया है। अब पाकिस्तान ने एक बार फिर खालिस्‍तानी आतंकियों (Khalistani terrorists) को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। कनाडा (Canada) के एक प्रमुख थिंक टैंक एमएल इंस्‍टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के पैसों पर पल रहे ये आतंकी अब भारत ही नहीं कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बन गए हैं।

कनाडा के एक प्रमुख थिंक टैंक एमएल इंस्‍टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान एक बार फिर खालिस्तान आंदोलन और इससे जुड़े चरमपंथी संगठनों को बढ़ावा दे रहा है। इंस्‍टीट्यूट ने कहा कि खालिस्‍तान पाकिस्‍तान का प्रोजेक्‍ट है और इसे कनाडा में ठग और राजनीतिक चालबाजों ने जिंदा रखा है। वरिष्‍ठ पत्रकार टेरी मिलेवक्‍सी ने अपनी रिपोर्ट 'खालिस्‍तान: ए प्रोजेक्‍ट ऑफ पाकिस्‍तान' में कहा कि खालिस्‍तान आंदोलन कनाडा और भारत दोनों की ही सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है।


9/11 से पहले सबसे बड़ा हमला खालिस्तानी आतंकियों ने किया

बता दें कि खालिस्‍तानी आतंकियों ने 35 साल पहले एयर फ्लाइट में विस्‍फोट कर दिया था जो 9/11 के हमले से पहले हवाई यात्रा की दुनिया में सबसे बड़ा हमला था। टेरी ने कहा, 'यह स्‍पष्‍ट है कि पाकिस्‍तान लगातार खालिस्‍तान आंदोलन को समर्थन दे रहा है।' टेरी ने कहा कि इस आंदोलन के बाद भी सच्‍चाई यह है कि कनाडा के सिख इस आंदोलन के जरिए अपने गृह राज्‍य पंजाब नहीं जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि कनाडा के लोगों के लिए पाकिस्‍तान का यह कदम बड़ा राष्‍ट्रीय खतरा बन गया है। चूंकि पंजाब में खालिस्‍तान के कुछ ही समर्थक बचे हैं, इ‍सलिए कनाडा में खालिस्‍तान के समर्थकों को पाकिस्‍तानी मदद बढ़ गई है।

नवंबर 2020 में खालिस्‍तान के लिए जनमत संग्रह

रिपोर्ट में कहा गया है कि खालिस्‍तानी आतंकी नवंबर 2020 में स्‍वतंत्र खालिस्‍तान के लिए जनमत संग्रह कराना चाहते हैं और जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे दुनियाभर में सिख समुदाय में संशय बढ़ता जा रहा है। कनाडा सरकार ने कहा क‍ि वह मान्‍यता नहीं देगी लेकिन रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जनमत संग्रह से अतिवादी विचारधारा को ऑक्सीजन म‍िल सकता है। जनमत संग्रह से कनाडा के स‍िख युवाओं को कट्टरवाद की ओर मोड़ा जा सकता है। कनाडा के नेताओं ने ही अब खालिस्‍तान को लेकर चिंता जताई है। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर रहे उज्‍जवल दोसांझ ने कहा कि टेरी की यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के दो लोक‍तंत्रों में पाकिस्‍तान समर्थित खालिस्‍तानी आतंकवाद किस कदर पांव पसार रहा है।

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