News18 : May 15, 2020, 10:07 AM
इस्लामाबाद.ईरान (Iran) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ने लगा है। पाकिस्तान ने ईरान से कहा है कि वो बलूचिस्तान (Balochistan) में चरमपंथियों का समर्थन न करें और पाकिस्तानी सेना पर चरमपंथी हमले रोकने के लिए उचित कार्रवाई करे। पाकिस्तान लगातार आरोप लगाता रहा है कि अलगाववादी बलूच लिबरेशन ऑर्मी (Balochistan liberation army) लगातार सेना पर चरमपंथी हमलों को अंजाम देने के लिए ईरान की जमीन का इस्तेमाल कर रही है।
डॉन में छपी खबर के मुताबिक पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने बुधवार को ईरानी सेना प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बक़ेरी से फोन पर बात की और उम्मीद जताई कि देश में हो रहे चरमपंथी हमलों के लिए ईरान की जमीन का इस्तेमाल नहीं होगा। पाकिस्तान ने ईरान से कहा है कि वह रिश्तों में बराबरी और सम्मान चाहता है, साथ ही सीमाओं पर ईरान समर्थित चरमपंथी संगठनों के हमले जल्द से जल्द रुकने चाहिए। शुक्रवार को बलूचिस्तान में फ़्रंटियर कॉर्प्स के गश्ती दल पर हमला हुआ था, जिसमें छह सैनिक मारे गए थे। इस हमले की ज़िम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली थी। पाकिस्तान के उलट ईरान का आरोप है कि पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल ईरानी चरमपंथी करते हैं।कोरोना के लिए भी ईरान को ठहराया जिम्मेदारपाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि कोरोना संक्रमण के मामले में भी ईरान ने संवेदनशीलता नहीं बरती और संक्रमण फैलने के बावजूद भी 5000 लोगों को वापस पाकिस्तान भेज दिया जिससे सिंध में संक्रमण फ़ैल गया। बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने भी देश में कोरोना संक्रमण फैलने के लिए ईरान को ही जिम्मेदार बताया था। हालांकि ये आरोप पूरी तरह सही नहीं है और पंजाब प्रांत में संक्रमण फैलने के लिए खुद इमरान सरकार ने ही रायविंड शहर में हुए तबलीगी जमात के इज्तेमा को जिम्मेदार बताया है।ईरान में पाकिस्तानी ज़मीन से हुए हमलेपिछले साल फ़रवरी में जब ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला हुआ था, तो ईरान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। हमले में रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के 27 जवान मारे गए थे। ईरान का आरोप था कि पाकिस्तान में पनाह लिए चरमपंथियों ने ये हमला किया था। लेकिन पिछले साल अप्रैल में जब बलूच में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला हुआ, तो पाकिस्तान ने इसके लिए ईरान में मौजूद बलूच अलगाववादियों को ज़िम्मेदार बताया। इस हमले में 14 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ईरान का दौरा किया। इमरान ख़ान की यात्रा के पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरानी दूतावास को लिखे एक कड़े पत्र में कहा था कि हमलावर ईरान से आए थे।ईरानी सीमा पर बाड़ बना रहा है पाकिस्तानबता दें कि पाकिस्तान तो ईरान के साथ लगी 909 किलोमीटर की सीमा पर बाड़ लगाने का काम भी शुरू कर चुका है। पाकिस्तान की सरकार ने इसके लिए तीन अरब रुपए की धनराशि भी आवंटित कर दी है। पाकिस्तान में हो रहे चरमपंथी हमलों को लेकर ईरान यात्रा में इमरान ख़ान ने ये मुद्दा भी उठाया था। पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत ईरान की सीमा से लगा हुआ है। बलूच पाकिस्तान में भी हैं और ईरान में भी। ईरान का सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान की सीमा से लगा है, जहां बलूच रहते हैं।सुन्नी-शिया के चलते तनाव!गौरतलब है कि सुन्नी बहुल पाकिस्तान और शिया बहुल ईरान के रिश्ते हमेशा से ही तनाव भरे रहे हैं। हालांकि 1947 में जब पाकिस्तान का गठन हुआ, तो ईरान वैसे कुछ देशों में शामिल था, जिन्होंने पाकिस्तान को मान्यता दी थी। साल 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान ने पाकिस्तान को लेकर आक्रामक रुख़ अपना लिया था। साथ ही उसने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान को शरण देने और पाकिस्तान के इसका समर्थन करने का भी विरोध किया था। पाकिस्तान की सऊदी अरब समर्थक नीति ने भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना रहता है। इसके अलावा भारत और ईरान के अच्छे रिश्ते और चाहबार पोर्ट को लेकर भी पाकिस्तान लगातार विरोध दर्ज कराता रहा है।
डॉन में छपी खबर के मुताबिक पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने बुधवार को ईरानी सेना प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बक़ेरी से फोन पर बात की और उम्मीद जताई कि देश में हो रहे चरमपंथी हमलों के लिए ईरान की जमीन का इस्तेमाल नहीं होगा। पाकिस्तान ने ईरान से कहा है कि वह रिश्तों में बराबरी और सम्मान चाहता है, साथ ही सीमाओं पर ईरान समर्थित चरमपंथी संगठनों के हमले जल्द से जल्द रुकने चाहिए। शुक्रवार को बलूचिस्तान में फ़्रंटियर कॉर्प्स के गश्ती दल पर हमला हुआ था, जिसमें छह सैनिक मारे गए थे। इस हमले की ज़िम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली थी। पाकिस्तान के उलट ईरान का आरोप है कि पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल ईरानी चरमपंथी करते हैं।कोरोना के लिए भी ईरान को ठहराया जिम्मेदारपाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि कोरोना संक्रमण के मामले में भी ईरान ने संवेदनशीलता नहीं बरती और संक्रमण फैलने के बावजूद भी 5000 लोगों को वापस पाकिस्तान भेज दिया जिससे सिंध में संक्रमण फ़ैल गया। बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने भी देश में कोरोना संक्रमण फैलने के लिए ईरान को ही जिम्मेदार बताया था। हालांकि ये आरोप पूरी तरह सही नहीं है और पंजाब प्रांत में संक्रमण फैलने के लिए खुद इमरान सरकार ने ही रायविंड शहर में हुए तबलीगी जमात के इज्तेमा को जिम्मेदार बताया है।ईरान में पाकिस्तानी ज़मीन से हुए हमलेपिछले साल फ़रवरी में जब ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला हुआ था, तो ईरान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। हमले में रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के 27 जवान मारे गए थे। ईरान का आरोप था कि पाकिस्तान में पनाह लिए चरमपंथियों ने ये हमला किया था। लेकिन पिछले साल अप्रैल में जब बलूच में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला हुआ, तो पाकिस्तान ने इसके लिए ईरान में मौजूद बलूच अलगाववादियों को ज़िम्मेदार बताया। इस हमले में 14 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ईरान का दौरा किया। इमरान ख़ान की यात्रा के पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरानी दूतावास को लिखे एक कड़े पत्र में कहा था कि हमलावर ईरान से आए थे।ईरानी सीमा पर बाड़ बना रहा है पाकिस्तानबता दें कि पाकिस्तान तो ईरान के साथ लगी 909 किलोमीटर की सीमा पर बाड़ लगाने का काम भी शुरू कर चुका है। पाकिस्तान की सरकार ने इसके लिए तीन अरब रुपए की धनराशि भी आवंटित कर दी है। पाकिस्तान में हो रहे चरमपंथी हमलों को लेकर ईरान यात्रा में इमरान ख़ान ने ये मुद्दा भी उठाया था। पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत ईरान की सीमा से लगा हुआ है। बलूच पाकिस्तान में भी हैं और ईरान में भी। ईरान का सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान की सीमा से लगा है, जहां बलूच रहते हैं।सुन्नी-शिया के चलते तनाव!गौरतलब है कि सुन्नी बहुल पाकिस्तान और शिया बहुल ईरान के रिश्ते हमेशा से ही तनाव भरे रहे हैं। हालांकि 1947 में जब पाकिस्तान का गठन हुआ, तो ईरान वैसे कुछ देशों में शामिल था, जिन्होंने पाकिस्तान को मान्यता दी थी। साल 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान ने पाकिस्तान को लेकर आक्रामक रुख़ अपना लिया था। साथ ही उसने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान को शरण देने और पाकिस्तान के इसका समर्थन करने का भी विरोध किया था। पाकिस्तान की सऊदी अरब समर्थक नीति ने भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना रहता है। इसके अलावा भारत और ईरान के अच्छे रिश्ते और चाहबार पोर्ट को लेकर भी पाकिस्तान लगातार विरोध दर्ज कराता रहा है।