विश्व / पाकिस्तान ने 9/11 हमलों के बाद अमेरिका का साथ देकर बड़ी भूल की: इमरान खान

Live Hindustan : Sep 24, 2019, 10:39 AM
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने 9/11 हमलों के बाद अमेरिका का साथ देकर बड़ी भूल की। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों को वो वादा नहीं करना चाहिये था जिसे वे पूरा नहीं कर सकीं। इमरान खान ने न्यूयॉर्क में विदेश संबंधों की परिषद (सीएफआर) में यह भी कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कम से कम ये उम्मीद करते हैं कि वो भारत से कश्मीर से कर्फ्यू हटाने का आग्रह करे।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द कर भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव, शिमला समझौते और अपने खुद के संविधान को दरकिनार किया है। इमरान खान ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में अपनी भूमिका निभाने को कहेंगे। पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करता रहा लेकिन भारत ने स्पष्ट करदिया है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किया जाना उसका ''आंतरिक मामला है। 

पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि वह पाकिस्तान को उन सभी देशों के बीच "सबसे खतरनाक" मानते हैं, जिनसे अभी तक उनका पाला पड़ा है। इस बारे में पूछे जाने पर इमरान ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैटिस पूरी तरह से समझते हैं कि पाकिस्तान कट्टरपंथी क्यों बना।"

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान ने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में अलकायदा के हमलों के बाद आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ देकर बड़ी भूल की। उन्होंने तत्कालीन सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा अमेरिका का साथ देने के फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि पिछली सरकारों को वो वादा नहीं करना चाहिये था जिसे वे पूरा नहीं कर सकीं।"

पाकिस्तान उन तीन देशों में से एक था जिसने 2001 में अमेरिकी हमले से पहले अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता दी थी। 9/11 के हमलों के बाद अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद, पाकिस्तान ने तालिबान के खिलाफ अमेरिकी सेना को समर्थन दिया।

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