जोधपुर / थार एक्सप्रेस, मना करने के बावजूद पाकिस्तान ने भेजी अपनी ट्रेन, अब भारतीय ट्रेन पहुंची जीरो पाइंट

Dainik Bhaskar : Aug 10, 2019, 12:12 PM
जोधपुर. पाकिस्तान के रेल मंत्री की थार एक्सप्रेस को बंद करने की घोषणा के बावजूद शनिवार को भारत-पाक को जोड़ने वाली इस ट्रेन का संचालन हुआ। ना नुकर के बावजूद पाकिस्तान ने शुक्रवार रात अपनी ट्रेन को कराची से रवाना किया। वहीं पाकिस्तान की इस ट्रेन को बंद करने की घोषणा सरकारी संदेश के रूप में रेलवे बोर्ड तक नहीं पहुंची तो रेलवे ने जोधपुर के उपनगरीय स्टेशन भगत की कोठी से देर रात एक बजे थार एक्सप्रेस को पाकिस्तान के लिए रवाना कर दिया। पाकिस्तान में हो रही भारी बारिश के कारण उसकी ट्रेन तीन घंटे विलम्ब से बॉर्डर पर बने पाकिस्तान के अंतिम रेलवे स्टेशन जीरो पाइंट पर सुबह साढ़े दस बजे पहुंची। इसके बाद भारतीय रेलवे ने मुनाबाव से अपनी ट्रेन को सीमा पार जीरो पाइंट तक भेजा। अब यात्रियों की जांच के पश्चात यह ट्रेन वापस मुनाबाव पहुंचेगी। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस ट्रेन से कितने यात्री भारत आ रहे है। 

पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रईस अहमद ने मुनाबाव व खोखरापार के रास्ते भारत व पाकिस्तान को जोड़ने वाली थार लिंक एक्सप्रेस को पाकिस्तान ने कश्मीर में धारा 370 हटाने के विरोध में बंद करने की घोषणा कर दी। उनकी इस घोषणा से जोधपुर में एक बार असमंजस के हालात बन गए। पाकिस्तान जाने के लिए टिकट ले चुके यात्रियों में खलबली मच गई। लेकिन रेलवे को पाकिस्तान की तरफ से अधिकृत सूचना नहीं मिलने के कारण भारत ने थार एक्सप्रेस का संचालन जारी रखा। इस बार भारत से 84 पाकिस्तानी वतन लौट रहे हैं तो 81 भारतीय भी अपनों से मिलने के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं। हालांकि ट्रेन के जाने और न जाने के असमंजस के बीच 17 यात्रियों ने एन वक्त पर टिकट रद्द भी करवाए। कुछ पाकिस्तानी ऐसे भी हैं जो अपनी तय यात्रा पूरी करने से पहले ही लौट रहे हैं।

आज सुबह जीरो पाइंट पर पाकिस्तान की ट्रेन के आने में हुए विलम्ब के कारण मुनाबाव में खड़े यात्री घबरा गए कि अब उन्हें कहीं वापस न लौटना पड़े। लेकिन तीन घंटे विलम्ब से इस ट्रेन के जीरो पाइंट पर पहुंचने पर सभी ने राहत महसूस की। बताया जा रहा है कि कराची से खोखरापार तक पहुंचने के रास्ते में भारी बारिश के कारण इस ट्रेन को दो स्टेशनों पर तीन घंटे तक रोक कर रखा गया। इस कारण इसके जीरो पाइंट तक पहुंचने में विलम्ब हो गया। 

फैसले दोनों हुक्मरानों के, भुगतेंगे हम

भारत की बहू बनी रोशन बीवी ने अपनी बेटी शना को पाकिस्तान की बहू बनाया है। 25 अगस्त को वहां अपने भतीजे के निकाह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाने के लिए बेटे मो. रफीक के साथ भगत की कोठी पहुंची। यहां ट्रेन रद्द होने की चर्चा सुन वह रो पड़ी। रोशन का कहना था कि दोनों देशों के हुक्मरान फैसले लेते हैं लेकिन उन लोगों का नहीं सोचते जो सरहदों में बंटे हुए है, बरसों बार मिलने के लिए आते-जाते हैं। जैसलमेर के म्याजलार के सेफू खां ने बताया कि कश्मीर को लेकर जो भी फैसला हुआ उसकी सजा दोनों देशों के लोगों को क्यों मिले। जब भारत ट्रेन चला रहा है तो पाकिस्तान को भी ट्रेन चलानी चाहिए। लंबे इंतजार के बाद वीजा मिला था, अब वापस मिलना इतना आसान नहीं होगा।

राखी मनाने आई बहन, पहले ही विदा किया

शादी के बाद से पाकिस्तान के अमरकोट में रह रही मूलत: सोजत हाल जोधपुर निवासी हेमलता कंवर राखी के लिए पीहर आई थी। दोनों देशों के बीच बनते माहौल के मद्देनजर हेमलता को आठ दिन पहले ही ससुराल लौटना पड़ा। भाई ने राखी पहले ही बंधवा ली और उसे भगत की कोठी स्टेशन छोड़ने आ गया। इधर, अहमदाबाद की समीम बानो परिवार के तीन जनों के साथ स्टेशन तक पहुंच गई, लेकिन आखिरी समय में पाकिस्तान जाना रद्द कर दिया। उन्हाेंने बताया कि कराची में बहन से मिलने जाना था। दो माह का वीजा है, बाद में जाऊंगी। वहीं, कराची के बाबर ने बताया वह पत्नी को इंदौर छोड़ने आया था। वीजा खत्म हो रहा था इसलिए लौट रहा हूं। पत्नी बाद में आ जाएगी। बाबर ने बताया कि अगर पाकिस्तान ने ट्रेन रोकने की बात कही है तो ऐसा नजरिया बहुत गलत है। ट्रेन लोगों की सुविधा के लिए है, सियासत के लिए नहीं।

यह है थार एक्सप्रेस

थार एक्सप्रेस एक अंतरराष्ट्रीय रेल है. यह पाकिस्तान के कराची को भारत के जोधपुर शहर से जोड़ती है। पाकिस्तान के अंतिम रेल स्टेशन खोखरापार व भारत के मुनाबाव के बीच सीमा पार कर यह ट्रेन चलती है. इन दोनों स्टेशनों के बीच छह किलोमीटर की दूरी है। हालांकि पाकिस्तान ने बॉर्डर के ऊपर जीरो लाइन रेलवे स्टेशन बना रखा है। ऐसे में सीमापार वहीं तक इसका संचालन होता है। भारत-पाकिस्तान के बीच यह सबसे पुरानी रेल सेवा है। वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इसकी पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके बाद इस रेल सेवा को बंद कर दिया गया था। बाद में 18 फरवरी 2006 से इस रेल सेवा को फिर से शुरू किया गया। इस दौरान भारत पाकिस्तान के बीच कई बार तनावपूर्ण हालात बने लेकिन यह रेल सेवा जारी रही।

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