देश / भारत ने जिस पर जताई थी सख्त आपत्ति, उसी को अंजाम देने जा रहा पाकिस्तान

AajTak : May 18, 2020, 03:16 PM
पाकिस्तान: गिलगित-बाल्टिस्तान में अपनी मनमानी करने पर अड़ गया है। भारत की कड़ी आपत्ति के बावजूद, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगिट-बाल्टिस्तान प्रांत में चुनाव कराने और एक केयरटेकर सरकार बनाने के आदेश पर मुहर लगा दी है।

बता दें कि 30 अप्रैल को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में चुनाव कराने और इससे जुड़े 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन के लिए अनुमति दे दी थी। भारत ने इस फैसले को लेकर इस्लामाबाद के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान को अवैध और जबरन किए हुए क्षेत्र को लेकर कोई फैसला करने का अधिकार नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने गिलगित-बाल्टिस्तान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पाकिस्तानी राजदूत को आपत्ति पत्र सौंपा था। भारत ने स्पष्ट किया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस्लामाबाद को इन क्षेत्रों में अपने अवैध कब्जे को छोड़कर इलाके को तुरंत खाली कर देना चाहिए।

शनिवार को पाकिस्तान के कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में कहा गया है कि इलाके में पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगित-बाल्टिस्तान ऐंड केयरटेकर एमेंडमेंट ऑर्डर, 2020 पर मुहर लगाई है।

राष्ट्रपति आदेश में कहा गया है कि पारदर्शी चुनाव कराने के लिए गिलगित-बाल्टिस्तान में केयरटेकर सरकार बनाना जरूरी हो गया था। इस आदेश के बाद केयरटेकर सरकार दो महीनों के भीतर गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा चुनाव कराएगी। इसके अलावा, खास परिस्थितियों में केयरटेकर सरकार का कार्यकाल भी बढ़ाया जा सकता है।

पाकिस्तान के इस क्षेत्र में आर्थिक हित भी जुड़े हुए हैं इसीलिए यहां वह अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए नए-नए पैंतरे आजमा रहा है। इसी सप्ताह, पाकिस्तान की सरकार ने चीन की फर्म के साथ 442 अरब रुपये के एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत, गिलगित-बाल्टिस्तान में दिआमेर-भाषा बांध का निर्माण किया जाएगा।

भारत ने पाकिस्तान के इस कदम को लेकर गुरुवार को कड़ा संदेश दिया और कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में इस तरह की परियोजनाओं को शुरू करना सही नहीं है।

पूर्व आर्मी चीफ और केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने भी गिलगित-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर आज तक के एक कार्यक्रम में कहा था, पूरा कश्मीर भारत का है, जिसके अंदर पीओके हमारा हिस्सा है जो हमारे पास अपने आप आएगा। गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान द्वारा चुनाव कराए जाने की बात पर जनरल वीके सिंह ने कहा, 'पाकिस्तान के हुक्मरानों से अपना देश तो संभल नहीं रहा। वहां सेना लोगों के लिए तय कर रही है कि क्या करना है। इस परिस्थिति में वो लोग कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया उनके साथ खड़ी हो जाए लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है।


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