नॉलेज / पाकिस्तान चलाएगा गाय के गोबर से बसें, जानिए कैसे करेगा ये कमाल

News18 : Jan 10, 2020, 06:19 PM
पाकिस्तान: पड़ोसी देश पाकिस्तान ने करीब एक साल पहले गाय के साथ घोषणा की थी कि वो गाय के गोबर से हाइब्रीड बसें चलाएगा। अब उसका ये प्रोजेक्ट करीब करीब तैयार है। जल्दी ही पाकिस्तान के कराची में हम करीब 200 बसों को गाय गोबर के गैस ईंधन से चलते देखेंगे। ये प्रयोग दुनिया का सबसे अलग किस्म का प्रयोग होगा। पड़ोसी देश पाकिस्तान ने करीब एक साल पहले गाय के साथ घोषणा की थी कि वो गाय के गोबर से हाइब्रीड बसें चलाएगा। अब उसका ये प्रोजेक्ट करीब करीब तैयार है। जल्दी ही पाकिस्तान के कराची में हम करीब 200 बसों को गाय गोबर के गैस ईंधन से चलते देखेंगे। ये प्रयोग दुनिया का सबसे अलग किस्म का प्रयोग होगा।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में हर साल 4 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की वायु प्रदूषण की वजह से होने वाली बीमारियों से मौत हो जाती है। रिपोर्ट में जिन देशों के नाम सबसे ऊपर हैं उनमें पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी शामिल है। यहां वायु प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक है कि हर साल 3 नवंबर से 31 दिसंबर तक का वक्त स्मॉग सीजन घोषित किया जाने लगा है। गाय के गोबर से बसें चलाने का प्रयोग इसे देखते हुए ही किया गया, ताकि वातावरण में ग्रीन गैसें जा सकें और प्रदूषण कम हो। 

इन बसों को ग्रीन बस रैपिड ट्रांजिट नेटवर्क के नाम से जाना जा रहा है, इसमें बसे 30 किलोमीटर के एक खास कॉरिडोर पर चलेंगी। इन ईंधन गाय के गोबर से बनाई गई मीथेन गैस होगी। पाकिस्तान में चार लाख से ज्यादा गाय-भैंस हैं। एक संस्था इनका गोबर इकट्ठा करेगी और फिर उन्हें कराची के बायोगैस प्लांट में पहुंचाकर उनसे मीथेन बनाई जाएगी। पिछले साल पाकिस्तान में कहा गया था कि वो 2020 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर देगा। अब पाकिस्तान करीब करीब इसके लिए तैयार है। 

इस अनूठे प्रोजेक्ट से न केवल पाकिस्तान की हवा साफ होगी, बल्कि ये जल प्रदूषण को भी कम करने में मददगार साबित होने जा रहा है। बता दें कि दुधारू पशुओं का मल-मूत्र नदियों के जरिए समुद्र तक पहुंच जाता है और पानी का स्त्रोत लगातार गंदा होता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर दिन लगभग 3,200 टन गोबर और मूत्र समुद्र में बहा दिए जाते हैं। यहां तक कि इसे बहाने और साफ-सफाई के लिए भी 50 हजार गैलन से ज्यादा पानी बर्बाद होता है। 

गाय से गोबर से बनने वाले ईंधन से खास 200 हाईब्रीड बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए 25 नए बस स्टेशन, आधुनिक पेडेस्ट्रियन क्रॉसिंग, साइडवॉक, साइकिल लेन बनाए गए हैं।  इंटरनेशनल ग्रीन क्लाइमेट फंड (आईजीसीएफ) की मदद से पाक सरकार ने ये कदम उठाने का फैसला लिया है। अगर कराची में पाकिस्तान का ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो वो उसे लाहौर, मुल्तान, पेशावर और फैसलाबाद जैसे शहरों की सड़कों पर भी ले जाएगा। इन हाईब्रीड बसों से जीरो प्रतिशत प्रदूषण होगा। 

इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत तकरीबन 583 मिलियन डॉलर है, जिसमें से लगभग 49 मिलियन डॉलर द ग्रीन क्लाइमेट फंड दे रहा है। ये संगठन अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो प्रदूषण कम करने में देशों की फंडिंग और योजनाओं की बाबत मदद करता है।

ग्रीन बसों के अपनी तरह के अनोखे प्रोजक्ट के जरिए पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि देश एक ही साल के भीतर 2।6 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोक सकेगा। ग्रीन बसों के अपनी तरह के अनोखे प्रोजक्ट के जरिए पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि देश एक ही साल के भीतर 2।6 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोक सकेगा।


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