AajTak : Apr 18, 2020, 01:01 PM
दिल्ली: भारत सरकार ने गुरुवार को अटारी बॉर्डर से 41 पाकिस्तानी नागरिकों को पाकिस्तान भेजा था। अब जांच में सामने आया है कि इन 41 लोगों में से एक महिला और उसका बच्चा कोरोना वायरस से पीड़ित था।
बता दें कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से 150 पाकिस्तानी भारत में फंसे थे, इनमें मुस्लिम, सिख और हिन्दू शामिल थे, ये लोग धार्मिक यात्रा पर भारत आए थे। शुक्रवार को इनमें से 41 लोगों को अटारी बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान भेजा गया था। भारत में रहने के दौरान इनका कोरोना टेस्ट हुआ था। अब जांच में पता चला है कि इनमें से एक मां और उसका बच्चा कोरोना वायरस से पीड़ित था। पंजाब के एक लैब में इनकी टेस्टिंग की गई थी।पाकिस्तान पहुंचे इन लोगों को लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पाकिस्तान के हाई कमीशन ने कहा है कि जो लोग भारत में फंसे हैं उन्हें जल्द ही निकाल लिया जाएगा।
पाकिस्तान में बढ़े कोरोना के केस
इधर पाकिस्तान सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील देने की घोषणा के कुछ दिनों बाद ही कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है। पाकिस्तान में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 627 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 23 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। पाकिस्तान में अब कोरोना के कुल 7492 मामले हो गए हैं, वहीं इस घातक वायरस की चपेट में आकर 143 लोगों की मौत हो चुकी है।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों को डर है कि लॉकडाउन में दी गई छूट के कारण कोरोना के मामलों की संख्या में और वृद्धि होगी, विशेष रूप से रमजान के महीने के दौरान इफ्तार व सहरी के लिए जुटने वाली भीड़ घातक वायरस के फैलने का मुख्य कारण बन सकती है।
24 घंटे में 5300 टेस्टिंग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय (एनएचएस) के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान पहली बार 5,300 परीक्षण किए गए हैं। जबकि इससे पहले सामान्य तौर पर लगभग 2400 परीक्षण ही किए जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान पुष्टि किए गए आधे मामले उन लोगों में पाए गए, जिन्होंने पंजाब प्रांत के रायविंड शहर में तबलीगी के कार्यक्रम में भाग लिया था।
हालांकि स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा ने डॉन न्यूज से बात करते हुए कहा कि मामलों की संख्या को लॉकडाउन में दी गई छूट से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तव में एकांतवास में बहुत सारे लोग थे और कभी-कभी ऐसा होता है, जब बहुत सारे परीक्षण किए जाते हैं।सात अप्रैल को इसी तरह की वृद्धि देखी गई थी, जब 24 घंटों के अंदर लगभग 700 मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि हमने 24 घंटे में 3,000 लोगों की तुलना में 5,300 लोगों का परीक्षण किया है, जिसके कारण मामलों की संख्या भी दोगुनी हो गई है।
बता दें कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से 150 पाकिस्तानी भारत में फंसे थे, इनमें मुस्लिम, सिख और हिन्दू शामिल थे, ये लोग धार्मिक यात्रा पर भारत आए थे। शुक्रवार को इनमें से 41 लोगों को अटारी बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान भेजा गया था। भारत में रहने के दौरान इनका कोरोना टेस्ट हुआ था। अब जांच में पता चला है कि इनमें से एक मां और उसका बच्चा कोरोना वायरस से पीड़ित था। पंजाब के एक लैब में इनकी टेस्टिंग की गई थी।पाकिस्तान पहुंचे इन लोगों को लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पाकिस्तान के हाई कमीशन ने कहा है कि जो लोग भारत में फंसे हैं उन्हें जल्द ही निकाल लिया जाएगा।
पाकिस्तान में बढ़े कोरोना के केस
इधर पाकिस्तान सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील देने की घोषणा के कुछ दिनों बाद ही कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है। पाकिस्तान में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 627 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 23 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। पाकिस्तान में अब कोरोना के कुल 7492 मामले हो गए हैं, वहीं इस घातक वायरस की चपेट में आकर 143 लोगों की मौत हो चुकी है।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों को डर है कि लॉकडाउन में दी गई छूट के कारण कोरोना के मामलों की संख्या में और वृद्धि होगी, विशेष रूप से रमजान के महीने के दौरान इफ्तार व सहरी के लिए जुटने वाली भीड़ घातक वायरस के फैलने का मुख्य कारण बन सकती है।
24 घंटे में 5300 टेस्टिंग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय (एनएचएस) के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान पहली बार 5,300 परीक्षण किए गए हैं। जबकि इससे पहले सामान्य तौर पर लगभग 2400 परीक्षण ही किए जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान पुष्टि किए गए आधे मामले उन लोगों में पाए गए, जिन्होंने पंजाब प्रांत के रायविंड शहर में तबलीगी के कार्यक्रम में भाग लिया था।
हालांकि स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा ने डॉन न्यूज से बात करते हुए कहा कि मामलों की संख्या को लॉकडाउन में दी गई छूट से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तव में एकांतवास में बहुत सारे लोग थे और कभी-कभी ऐसा होता है, जब बहुत सारे परीक्षण किए जाते हैं।सात अप्रैल को इसी तरह की वृद्धि देखी गई थी, जब 24 घंटों के अंदर लगभग 700 मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि हमने 24 घंटे में 3,000 लोगों की तुलना में 5,300 लोगों का परीक्षण किया है, जिसके कारण मामलों की संख्या भी दोगुनी हो गई है।