Pakistan / पेशावर हमले पर PAK के रक्षा मंत्री का छलका दर्द- भारत-पाक के बीच की ये तुलना

Zoom News : Feb 01, 2023, 09:55 AM
Pakistan: पाकिस्तान के पेशावर की मस्जिद में नमाज के दौरान हुए घातक आत्मघाती हमले को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत में भी पूजा के दौरान कभी भक्तों की हत्या नहीं हुई. हाई सिक्योरिटी वाले इस मस्जिद में हुए अटैक में 100 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए. धमाका सोमवार दोपहर करीब 1 बजे मस्जिद के सेंट्रल हॉल में हुआ था.

नेशनल असेंबली में हमले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, आसिफ ने कहा, 'भारत या इजराइल में भी प्रार्थना करने के दौरान उपासक/भक्तों की हत्या नहीं हुई, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा हुआ. डॉन की न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता का आह्वान करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए खुद को व्यवस्थित करने का समय है.

आतंकियों के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत, बोले पाक रक्षामंत्री

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ खान का कहना है कि सिर्फ एक संप्रदाय या समाज के एक वर्ग को नहीं बल्कि पूरे देश को निशाना बनाने वाले इन आतंकियों के खिलाफ हम सभी को एकजुट होना पड़ेगा। संसद भवन के बाहर मीडिया से चर्चा में ख्वाजा आसिफ से आतंकियों के खिलाफ सेना के किसी तरह के नए ऑपरेशन के बारे में पूछा गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि आतंक के सफाए के लिए नया मिलिट्री ऑपरेशन शुरू करने का फैसला उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का है।  इस तरह के फोरम पर ऐसी चीजों पर फैसला नहीं लिया जा सकता।

इमरान खान पर फोड़ा ठीकरा

रक्षामंत्री ख्वाजा​ आसिफ ने तालिबान से वार्ता को लेकर इमरान खान की पूर्ववर्ती सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि दो साल पहले हमें बताया गया कि हम इन लोगों (आतंकियों) से बात कर सकते हैं। बाद में उन्हें देश में पैठ जमाने दिया गया. ख्वाजा आसिफ खान ने कहा कि पाकिस्तान में 450,000 से अधिक अफगानी हैं, जो अपने वतन नहीं लौटे और अब पाकिस्तान में परिवहन कारोबार में घुस चुके हैं।

पीपीपी के कार्यकाल में शुरू हुआ था ये युद्ध

2010-2017 के दौरान की आतंकवाद की घटनाओं को याद करते हुए मंत्री ने कहा, 'यह युद्ध पीपीपी के कार्यकाल में स्वात से शुरू हुआ था और यह पीएमएल-एन के पिछले कार्यकाल के दौरान समाप्त हो गया था. इसके बाद देश में कराची से स्वात तक शांति स्थापित हुई थी.'

उन्होंने कहा, 'अगर आपको याद है, डेढ़ या दो साल पहले हमें इसी हॉल में दो, तीन बार एक ब्रीफिंग दी गई थी जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इन लोगों के साथ बातचीत की जा सकती है और उन्हें शांति की ओर लाया जा सकता है.' आसिफ ने कहा कि इस मामले पर अलग-अलग राय सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक आसिफ ने कहा कि अफगानों के पाकिस्तान में आने और बसने के बाद हजारों लोग बेरोजगार हो गए थे. आसिफ ने यह भी कहा कि पहला सबूत तब सामने आया जब स्वात के लोगों ने पुनर्वासित लोगों के खिलाफ विरोध किया.

हमने ही आतंक के बीच बोए- रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं लंबी बात नहीं करूंगा लेकिन संक्षेप में कहूंगा कि शुरुआत में हमने आतंकवाद के बीज बोए थे.' उन्होंने कहा कि जब रूस ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो पाकिस्तान ने अमेरिका को 'किराए पर' अपनी सेवाएं देने की पेशकश की. जनरल जिया उस समय सत्ता पर काबिज थे. अमेरिका के साथ किया गया समझौता आठ से नौ साल तक चला, जिसके बाद अमेरिका इस तथ्य का जश्न मनाते हुए वाशिंगटन वापस चला गया कि उसने रूस को हरा दिया.

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