नई दिल्ली / पैरेंट्स को तनाव मुक्त रखेगा पैंपर्स का स्मार्ट बेबी डायपर, गीला होने पर ऐप के जरिए भेजेगा अलर्ट

Dainik Bhaskar : Jul 20, 2019, 11:41 PM
इस डिवाइस में सेंसर के जो बच्चे के सोने और जागने की जानकारी भी पैरेंट्स को देगा

नवजात शिशु की सही तरीके से देखभाल करना नए पैरेंट्स के लिए थोड़ा मुश्किल भरा होता है। इसी समस्या को कम करने के लिए पैंपर्स ने स्मार्ट डिवाइस तैयार किया है। यह बच्चों के डायपर में फिट किया जा सकेगा। यह डिवाइस कनेक्टेड केयर सिस्टम 'लुमी' से लैस होगा जो बच्चों की हर गतिविधि को सेंसर से ट्रैक करेगा और पैरेंट्स तक इसकी जानकारी ऐप के जरिए पहुंचाएगा।

डायपर गीला होने पर यह डिवाइस सेंसर के जरिए मोबाइल ऐप पर नोटिफिकेशन भेजेगा साथ ही बच्चा कब सोया और कब जागा इसकी जानकारी भी देगा। गंदे डायपर और फीडिंग टाइम जैसी जानकारियों को पैरेंट्स मैनुअली भी ट्रैक कर सकेंगे। इस सिस्टम के साथ एक वीडियो मॉनिटर सिस्टम भी है जो ऐप से कनेक्ट होगा। पैंपर्स ने लॉन्चिंग और कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

पैरेंट्स को रखेगा तनावमुक्त

पैंपर्स के प्रवक्ता मांडी ट्रिबाय का कहना है कि इसमें फाइनेंशियल सर्विस इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले सिक्योरिटी स्टैंडर्ड का इस्तेमाल किया गया है। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य नए पैरेंट्स को तनाव मुक्त रखना है।

जो पैरेंट्स टेस्टिंग में शामिल है उनकी तरफ से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही है। इसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग नहीं किया गया है, सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके जरिए अनऑथराइज्ड सिस्टम एक्सेस को रोका जा सकता है।

2024 तक 250 करोड़ का होगा बेबी मॉनिटर बाजार

पैंपर्स ने गुरुवार को इसके बारे में जानकारी दी, इसके जरिए बेबी टेक इंडस्ट्री में लगाकार हो रही ग्रोथ को अनुमान लगाया जा सकता है। इसी के साथ कंपनी ने बच्चों के लिए हाइटेक खिलौने, स्मार्ट नाइट लाइट, बच्चों को शांत कराने के लिए पैसिफायर, फीडिंग को ट्रैक करने वाली बोतल और एक खास ऐप को भी पेश किया जो पैरेंट्स की आवाज निकाल कर बच्चों को चुप कराएगा।

रिसर्च और मार्केट रिपोर्ट से यह अनुमान लगाए जा रहे हैं कि अनुसार बेबी मॉनिटर का बाजार 2024 तक 250 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

विवादों में भी रहीं बेबी मॉनिटर तकनीक

कई मामलों में देखा जा चुका है बेबी और चाइल्ड मॉनिटर को हैक किया जा सकता है। इन मामलों के बाद इस तकनीक की उपयोगिता को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि बेबी मॉनिटर और सिक्योरिटी कैमरे का इस्तेमाल किस हद तक सुरक्षित है। पिछले साल वॉशिंगटन पोस्ट ने एक घटना का जिक्र किया गया था जिसमें बच्चें के कमरे में लगे नेस्ट कैम को हैक कर उसपर पॉर्न चला दी गई थी।

आम प्रोडक्ट को स्मार्ट बनाने वाले इन डिवाइस में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है कि यह सॉफ्टवेयर अपडेट और मालफंक्शन पर निर्भर होते हैं।

कंपनी के बंद हो जाने पर प्रोडक्ट अपनी कनेक्टिविटी भी खो देते हैं। हाल ही में आए नाइकी के सेल्फ लेसिग जूतों ने सॉफ्टवेयर अपडेट की वजह से काम करना बंद कर दिया था।

पैंपर्स पहली कंपनी नहीं

लुमी पहला डिवाइस नहीं है जिससे हाइटेक डायपर बनाया जा सकता है। 2016 में गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने पेटेंट फाइल कराया था जिसमें बच्चों के यूरिन और मल की जांच करने के लिए डायपर में सेंसर लगाने की बात कही थी।

पिछले साल हगीज ने कोरियाई कंपनी के साथ मिलकर कोरिया और जापान में स्मार्ट डायपर सेंसर लॉन्च किए थे।


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