देश / पान मसाला-सिगरेट जल्द हो सकते हैं महंगे, GST Council की 41वीं बैठक में होगा इस पर फैसला

News18 : Aug 19, 2020, 03:21 PM
नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST-Goods and Service Tax) काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त को हो सकती है। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की इस बैठक का एकमात्र एजेंडा कंपन्सेशन जरूरतों को पूरा करने के उपायों पर होगा। इसके अलावा बैठक में कंपन्सेशन फंड को बढ़ाने के लिए तीन शीर्ष सुझावों पर भी चर्चा करने की संभावना है। CNBC-TV18 को सूत्रों को मिली जानकारी के मुताबिक, GST काउसिंल की बैठक में कुछ राज्यों द्वारा अहितकर सामान यानी सिन गुड्स (Sin Goods) पर सेस बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की संभावना है। सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने का सुझाव देने वालों में पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा, दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं। अगर ऐसा होता है तो  सिगरेट, पान मसाला महंगे हो जाएंगे।

मौजूदा GST रेट स्ट्रक्चर के अनुसार, कुछ सिन गुड्स, जिसमें सिगरेट, पान मसाला और एरेटेड पेय शामिल हैं, इन पर सेस लगता है। सिन गुड्स के अलावा, कार जैसे लक्जरी उत्पादों पर भी सेस लगाया जाता हैं।

मौजूदा समय में, पान मसाला पर 100 फीसदी सेस लगता है और सेस नियमों के अनुसार अधिकतम 130 फीसदी तक सेस बढ़ाई जा सकता है। जिसका मतलब है कि जीएसटी काउंसिल अगर यह फैसला लेती है तो पान मसाले पर 30 फीसदी सेस दर बढ़ जाएगी।

इसी तरह, एरेटेड पेय पर 12 फीसदी सेस लगता है और कानून में सेस लगाने की अधिकतम सीमा 15 फीसदी है, इसलिए अगर काउंसिल निर्णय लेती है तो 3 फीसदी अतिरिक्त सेस जोड़ा जा सकता है।

सिगरेट के लिए अधिकतम संभव सेस जो लगाया जा सकता है वह है 290 फीसदी एड वैलेरम के साथ 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक है।

मौजूदा समय में, सिगरेट की सभी श्रेणियां 4,170 रुपये प्रति हजार स्टिक अतिरिक्त बोझ को वहन हीं करती है और यह केवल एक विशिष्ट प्रकार की सिगरेट पर लगाई जाती है। सेस फीसदी के संदर्भ में, केवल अधिकतम 36 फीसदी सेस अब तक आकर्षित करता है।

यह देखते हुए कि जीएसटी काउंसिल के पास 254 फीसदी अतिरिक्त सेस लगाने का विकल्प है। हालांकि, यह अभूतपूर्व है कि काउंसिल किसी भी वस्तु पर सेस को एक बार में अधिकतम संभव सीमा तक बढ़ा देती है।

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