कूलेस्ट पीएम / सूर्यग्रहण देखने के लिए पीएम मोदी ने पहना डेढ़ लाख का खास चश्मा

AMAR UJALA : Dec 27, 2019, 10:35 AM
नई दिल्ली | सूर्यग्रहण को देखते हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट करने के बाद नरेद्र मोदी अपने चश्मे की कीमत को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। कुछ यूजर्स ने बताया कि यह चश्मा एक जर्मन कंपनी का है और इसकी कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये है। वहीं ट्विटर पर ‘ब्रांडेड फकीर’ के रूप में उनके इस महंगा चश्मा पहने रूप को टॉप ट्रेंड भी करवाया गया।

इस दौरान उनके 10 लाख रुपये के सूट, छह लाख रुपये के गोल्डन पैन, महंगे मशरूम से लेकर इस नए चश्मे पर भी जमकर नकारात्मक और मजाकिया टिप्पणियां की गईं। कुछ यूजर्स ने बताया कि यह चश्मा दुनिया में सबसे महंगे चश्मे बनाने वाली कंपनी मेबैक आईवीयर का है। विभिन्न ई-कॉम वेबसाइट्स के जरिये इस चश्मे की कीमत 1900 से 2100 अमेरिकी डॉलर तक बताई जा रही है। यह भी बताया गया कि यह चश्मा हाथों से बनाया जाता है। इसमें महंगा टाइटेनियम धातु, लकड़ी और सींगों का इस्तेमाल होता है। 

‘कूलेस्ट पीएम’ के रूप में ट्रेंड भी हुए

सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड को लेकर खुद पीएम मोदी ने भी कमेंट किया। एक यूजर्स द्वारा यह कहेजाने पर कि उनकी चश्मे वाला फोटो पर खूब मीम बनेंगे, पीएम ने उन्हें ‘मोस्ट वेलकम....एंजॉय’ कहते हुए प्रोत्साहित किया। उनके इस ट्वीट को एक लाख से अधिक लाइक मिले और वे अपने समर्थकों द्वारा ‘कूलेस्ट पीएम’ के रूप में ट्रेंड भी करवाए गए।

उत्तर में बादलों ने रोका, दक्षिण में साफ दिखा सूर्य ग्रहण का नजारा  

देश में हजारों लोगों ने बृहस्पतिवार को दशक के अंतिम सूर्य ग्रहण देखा। हालांकि उत्तर भारत में बादलों ने लोगों को इस दुर्लभ नजारे से दूर रखा जबकि दक्षिण भारत में यह काफी साफ देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोझिकोड से लाइव स्ट्रीमिंग पर सूर्य ग्रहण का नजारा देखा। इसके अलावा दक्षिण में हजारों की संख्या में लोग इस नजारे को देखने के लिए दूरबीनें लेकर आकाश की ओर टकटकी जमाए रहे।

बच्चों, विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने इस खगोलीय घटना का दीदार किया। वहीं हिंदू मान्यताओं के आधार पर देश भर में इस दौरान मंदिरों के पट बंद रहे और लोग प्रार्थनाएं और भजन करते रहे। ग्रहण खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नदियों में डुबकी लगाई। 

इन जगहों पर साफ दिखा ग्रहण 

सूर्य ग्रहण भारत में सबसे पहले कसारागोड के चेरूवत्तूर में देखा गया। इसके बाद कोझिकोड और कुन्नूर में यह नजारा दिखा। त्रिशूर, कोट्टायम और तिरुवनंतपुरम में आंशिक रूप से ग्रहण देखा गया। वहीं वायनाड में बादलों के कारण मुश्किल हुई। इसके अलावा ओडिशा, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और नई दिल्ली के हिस्सों में सूर्य ग्रहण को देखा गया।

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी हुए ट्रेंड

पीएम मोदी ने तीन तस्वीरें अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कीं। जिसमें पहली फोटो में वह कांच की मदद से ग्रहण देखने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन राजधानी दिल्ली के ऊपर घने कोहरे के कारण उन्हें ग्रहण का नजारा देखने में दिक्कत महसूस हुई। दूसरी फोटो में मोदी विशेषज्ञों से बात करते दिख रहे हैं।

जिसमें वे इस खगोलीय घटना की जानकारी ले रहे हैं और पूरी प्रक्रिया को समझ रहे हैं। तीसरी फोटो में मोदी लाइव स्ट्रीमिंग पर कोझिकोड से सूर्य ग्रहण के दुलर्भ नजारे का दीदार करते दिखाई दे रहे हैं।  17000 लाइक मिले मोदी के ट्वीट को और 4000 बार रिट्वीट किया गया।

उत्सुकता पर बादलों का पहरा 

‘अनेकों भारतीयों की तरह मैं भी इस दुर्लभ नजारे को देखने के लिए उत्सुक हूं, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बादलों का इस पर पहरा है और मैं इसे देख नहीं पाया। हालांकि मैंने कोझिकोड से लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये इस दुर्लभ नजारे का दीदार कर लिया है। यही नहीं इस दौरान विशेषज्ञों से इस पूरी घटना की जानकारी ली और इसे बारीकी से समझा भी है।’ -पीएम मोदी का ट्वीट 

नेटिजन बोले, मीम बन रहे, तो मोदी ने कहा- थैंक्स, मजे करें!

पीएम मोदी के ट्वीट पर कुछ नेटिजंस ने कमेंट लिखा कि उनकी फोटो पर मीम्स बन रहे हैं। इसके जवाब में पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी और लिखा, मजें करें! 

दिल्ली में कुछ सेकेंड ही दिखा सूर्यग्रहण

दिल्ली में बृहस्पतिवार को सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा महज कुछ सेकेंड के लिए ही दिखा। क्योंकि सूर्यग्रहण के दौरान आसमान बादलों और धुंध से ढका हुआ था। इस दौरान तीन मूर्ति स्थित नेहरू तारामंडल में भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर सूर्यग्रहण का अद्भुत दृश्य देखा। जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ नाम दिया गया था।

इस मौके पर नेहरू तारामंडल की ओर से सूर्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद के लगभग 40 स्कूलों के बच्चों को आमंत्रित किया गया था। नेहरू तारामंडल प्रशासन की ओर से बच्चों को खगोलीय घटनाओं के विषय में वैज्ञानिक जानकारियां प्रदान कराई गईं। 

सूर्य ग्रहण देखने के लिए खास तैयारियां

नेहरू तारामंडल में आम लोगों को सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा दिखाने के लिए खास तैयारियां की गई थीं। इसके लिए तीन मूर्ति मैदान में सोलर प्रोजेक्शन ब़ॉक्स लगाया गया था। लोगों को निशुल्क सोलर चश्मे उपलब्ध कराए गए। नेहरू तारामंडल की प्रोग्राम मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने बताया कि देशभर के कोने-कोने में लोगों को सूर्यग्रहण का यह अद्भुत नजारा दिखाने के लिए संस्थान की तरफ से लाइव वेब कास्ट की व्यवस्था भी की गई थी।

अंधविश्वास तोड़ने के लिए लगे फूड स्टॉल 

देश में परंपरागत मान्यता के अनुसार समाज में अंधविश्वास है कि ग्रहण लगने के दौरान कई खास कार्य नहीं करने चाहिए। ग्रहण लगने के दौरान खान पान पर भी पाबंदी है। लेकिन विज्ञान इस बात में विश्वास नहीं करता। इसलिए बृहस्पतिवार को सूर्य ग्रहण के दौरान नेहरू तारामंडल की तरफ से यहां आए लोगों के लिए निशुल्क कई फूड स्टॉल लगाए गए थे। 

इस साल की अंतिम खगोलीय घटना

यह फायर रिंग साल 2019 की अंतिम खगोलीय घटना थी। इसके बाद 2020 में एक बार फिर देशवासियों को इसी तरह का अद्भुत सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा। अगले साल 21 जून को देश के सभी हिस्सों में 93 प्रतिशत सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा।

नंगी आंखों से नहीं देखते सूर्यग्रहण

सूर्य से आने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणें खतरनाक होती हैं। इसलिए नंगी आंखों से सूर्य को भी देखने का प्रयास कभी नहीं करना चाहिए। वहीं सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें तिरछी और तीव्र होती हैं। इसलिए नंगी आंखों से देखने पर रेटिना प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है।

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