देश / CSIR की बैठक में PM Modi ने चेताया, अगली बड़ी चुनौती के बारे में किया सबको आगाह

Zoom News : Jun 04, 2021, 01:06 PM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) सोसाइटी की एक बैठक की अध्यक्षता की। सोसाइटी को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विज्ञान (Science) ने हमेशा संकट का समाधान खोजा है।

भविष्य में क्लाइमेट चेंज बनेगी बड़ी चुनौती: पीएम

सीएसआईआर की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भविष्य की चुनौतियों को लेकर दुनिया को चेताया और कहा कि आने वाले समय में क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती बनेगी। हमे इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी।

कोरोना सदी की सबसे बड़ी चुनौती: प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने कहा, कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (Coronavirus Pandemic) पूरी दुनिया के सामने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है, लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है, जब जब मानवता पर कोई बड़ा संकट आया है तो विज्ञान ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं।

'भारतीय वैज्ञानिकों ने कंधे से कंधे मिलाकर किया काम'

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'बीती शताब्दी का अनुभव है कि जब पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी तो भारत को उसके लिए कई-कई साल का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं।

'भारतीय वैज्ञानिकों ने 1 साल में बना दी कोरोना वैक्सीन'

सीएसआईआर की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारतीय वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की और कहा कि कोरोना संकट के बीच हमारे वैज्ञानिकों ने सिर्फ एक साल में ही मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन तैयार कर दी।

सीएसआईआर ने देश को दी कई प्रतिभाएं: पीएम

पीएम मोदी ने कहा, 'वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने देश को कितनी ही प्रतिभाएं दी हैं और कितने ही वैज्ञानिक तैयार किए हैं।  शांतिस्वरूप भटनागर जैसे महान वैज्ञानिक ने इस संस्था को नेतृत्व दिया है।'

'आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है भारत'

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'आज भारत सतत विकास और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। हम सॉफ्टवेयर से लेकर सैटेलाइट तक, दूसरे देशों के विकास को भी गति दे रहे हैं और दुनिया के विकास में प्रमुख इंजन की भूमिका निभा रहे हैं। आज भारत एग्रीकल्चर से एस्ट्रॉनॉमी तक, वैक्सीन से वर्चुअल रियलिटी तक, बायोटेक्नोलॉजी से लेकर बैटरी टेक्नोलॉजी तक, हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है। कोरोना के इस संकट ने रफ्तार भले कुछ धीमी की है, लेकिन आज भी हमारा संकल्प है- आत्मनिर्भर भारत, सशक्त भारत।'

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