Zoom News : Feb 07, 2021, 01:51 PM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए असम पहुंचे। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने यहां दो अस्पतालों की आधारशिला रखी और 'असोम माला' कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद पीएम मोदी पश्चिम बंगाल जाएंगे। असम और पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधान सभा चुनाव होंगे। पीएम मोदी का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है। बढ़ेगी विकास और प्रगति की गतिपीएम मोदी ने यहां सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में एक कार्यक्रम में, 'असोम माला' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए, 'असोम माला' राज्य के सड़क बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा। यह पहल असम की आर्थिक प्रगति और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में योगदान करेगी। उन्होंने कहा, अगले 15 सालों में असम में चौड़ी और बड़ी सड़कें होंगी। यह प्रोजेक्ट आपका सपना पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि विकास और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए इस बार बजट में बड़ा खास प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 'बिश्वनाथ और चराइदेव में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा, यह असम के स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ावा देगा। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य ने स्वास्थ्य देखभाल में तेजी से प्रगति की है। इससे न केवल असम बल्कि पूरे उत्तर पूर्व में लाभ हुआ है।स्थानीय भाषा में मेडिकल कॉलेजपीएम मोदी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा, 'मेरा सपना है कि हर राज्य में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज मातृभाषा में पढ़ाना शुरू करे। जब असम में नई सरकार बनेगी मैं असम के लोगों की तरफ से वादा करता हूं कि असम में हम एक मेडिकल कॉलेज स्थानीय भाषा में शुरू करेंगे।' पीएम मोदी ने कहा, डॉक्टर इंजीनियर स्थानीय भाषा नें पढ़ कर भी देश के विभिन्न हिस्सों में सेवाएं देंगे।गुवाहाटी में एम्स जल्द उन्होंने कहा, गुवाहाटी में एम्स का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछली सरकारें क्यों नहीं समझ पाईं की गुवाहाटी में एम्स होगा तो यहां के लोगों को कितना फायदा होगा। सरकार असम के विकास के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रही है। असम में आयुष्मान भारत योजना का लाभ करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।असम को विकास के लिए लंबा इंतजार करना पड़ाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, असम के स्वाधीनता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया था। इन शहीदों के खून की एक-एक बूंद और साहस हमारे संकल्पों को मजबूत करता है। असम का यह अतीत बार-बार मेरे मन को असमिया गौरव से भर रहे हैं। पूर्वोत्तर और असम को विकास की सुबह के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ा।