देश / PM नरेंद्र मोदी का बयान- विरासत मे मिली समस्या को हल करना ही होगा

News18 : Jan 02, 2020, 03:14 PM
बेंगलुरु।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को दो दिवसीय दौरे के लिए कर्नाटक पहुंचे।  इस दौरान वह सिद्धगंगा मठ पहुंचे।   यहां एक सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने CAA, अनुच्छेद 370 समेत कई अन्य मुद्दों पर कांग्रेस और विपक्ष को घेरा।  उन्होंने कहा, 'विरासत में जो समस्याएं हमें मिली हैं, उनको हल करना ही होगा। ' उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनका बनाया इको सिस्टम आज देश की संसद के खिलाफ खड़ा हो गया है।  उन्होंने कहा कि पाकिस्ता से बटवारा धर्म के आधार पर हुआ। 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ धर्म के आधार पर विभेद होता है।  उन्होंने कहा कि 'आज हर देशवासी के मन में सवाल है कि जो लोग पाकिस्तान से अपनी जान बचाने के लिए, अपनी बेटियों की जिंदगी बचाने के लिए यहां आए हैं, उनके खिलाफ तो जुलूस निकाले जा रहे हैं लेकिन जिस पाकिस्तान ने उनपर ये जुल्म किया, उसके खिलाफ इन लोगों के मुंह पर ताले क्यों लगे हुए हैं। '

'आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे'

पीएम ने कहा कि 'जो लोग आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आज जरूरत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की इस हरकत को बेनकाब करने की है।  अगर आपको आंदोलन करना ही है तो पाकिस्तान के पिछले 70 साल के कारनामों के खिलाफ आवाज उठाइए।  भारत ने हमेशा संतों को, ऋषियों को, गुरुओं को सही मार्ग के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में देखा है।  न्यू इंडिया में भी सिद्दागंगा मठ, आध्यात्म और आस्था से जुड़े देश के हर नेतृत्व की भूमिका अहम है। ''

पीएम ने कहा कि 'अगर आपको नारे लगाने ही हैं तो पाकिस्तान में जिस तरह अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उसे जुड़े नारे लगाइए।  अगर आपको जुलूस निकालना ही तो पाकिस्तान से आए हिंदू-दलित-पीड़ित-शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए। '

इससे पहले पीएम ने कहा, 'ये मेरा सौभाग्य है कि साल 2020 की शुरुआत तुमकुरू की इस पावन धरा से, आप सभी के बीच से कर रहा हूं।  मेरी कामना है कि सिद्धगंगा मठ की ये पवित्र ऊर्जा समस्त देशवासियों के जीवन को मंगलकारी बनाए। ' कहा कि, 'पूज्य स्वामी श्री श्री शिवकुमार जी की भौतिक अनुपस्थिति हम सभी महसूस करते हैं।  मैंने तो साक्षात अनुभव किया है कि उनके दर्शन मात्र से ही जीवन ऊर्जा से भर जाता था।  उनके प्रेरक व्यक्तित्व से ये पवित्र स्थान दशकों से समाज को दिशा देता रहा है। '

संत समाज से मांगा सहयोगपीएम ने कहा कि 'आज मैं संत समाज से 3 संकल्पों में सक्रिय सहयोग चाहता हूं।  पहला- अपने कर्तव्यों और दायित्वों को महत्व देने की अपनी पुरातन संस्कृति को हमें फिर मजबूत करना है।  दूसरा, प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा।  और तीसरा, जल संरक्षण, जल संचयन के लिए जनजागरण में सहयोग। '

प्रधानमंत्री ने कहा, 'ये मेरा सौभाग्य है कि श्री श्री शिवकुमार जी की स्मृति में बनने वाले म्यूजियम का शिलान्यास करने का अवसर मिला।  ये म्यूजियम, न सिर्फ लोगों को प्रेरणा देगा, बल्कि समाज और देश के स्तर पर हमें दिशा देने का भी काम करेगा। ' उन्होंने कहा, 'भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है।  आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी।  लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरु हुआ है। '

पीएम ने कहा कि 'ये आकांक्षा नए भारत की है, ये आकांक्षा युवा सपनों की है, ये आकांक्षा देश की बहनों-बेटियों की है, ये आकांक्षा देश के गरीब, दलित, वंचित, पीड़ित, पिछड़े, आदिवासियों की है, ये आकांक्षा क्या है? भारत को समृद्ध, सक्षम और सर्वहितकारी विश्वशक्ति के रूप में देखने की है। ' PM ने कहा कि 'अब ये हर भारतीय का मानस बन चुका है कि विरासत में जो समस्याएं हमें मिली हैं, उनको हल करना ही होगा।  समाज से निकलने वाला यही संदेश हमारी सरकार को भी प्रेरित करता है, प्रोत्साहित करता है। '

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