शिमला / दसवीं में 99.2 फीसदी अंक लेने वाला बना डाकिया, पगार दस हजार

AMAR UJALA : Sep 07, 2019, 01:14 PM
हिमाचल में बेरोजगारी की स्थिति यह है कि दसवीं कक्षा में 99.2 फीसदी अंक पाने वाले युवक भी डाकिये की नौकरी करने को मजबूर हैं। प्रदेश में ग्राम डाक सेवक भर्ती में ऐसे ही युवक चयनित हुए हैं।

ग्रामीण डाक सेवक पदों के लिए जितने युवाओं का चयन हुआ है उनमें से किसी के भी दसवीं में 81 फीसदी से कम अंक नहीं हैं। ग्राम डाक सेवक का काम घर-घर जाकर चिट्ठियां बांटने का है। उनकी पगार मात्र 10 हजार रुपये मासिक होगी। यह नौकरी अस्थायी है।

हिमाचल में 757 ग्रामीण डाक सेवकों के पदों के लिए लाखों युवाओं ने आवेदन किए थे। सूबे के नौ डाक मंडलों में दसवीं कक्षा की मेरिट के आधार पर इनका चयन हुआ। मैट्रिक में 99.2 फीसदी अंक लेने वाले सोलन के नालागढ़ निवासी राजेंद्र कुमार का भी इसके लिए चयन हुआ है।

गौर हो कि कुल नौ डाक मंडलों में सबसे ज्यादा मेरिट 99.2 प्रतिशत, जबकि सबसे कम 81.2 फीसदी रही। यानी दसवीं में 81 फीसदी अंक लेने वाले को भी डाक सेवक की नौकरी नहीं मिल पाई। 

डाक विभाग ने 757 ग्रामीण डाक सेवक पदों के लिए 752 अभ्यर्थियों का चयन किया। पांच की सूची अभी रोकी गई है। सामान्य वर्ग के 323, आर्थिक रूप से कमजोर आरक्षित वर्ग के लिए 78, ओबीसी के 182, एससी के 131 और एसटी के 43 पद शामिल थे।

डाक मंडल        अधिकतम मेरिट         न्यूनतम मेरिट 

सोलन                 99.2 प्रतिशत             92 प्रतिशत

शिमला                98.8 प्रतिशत            91 प्रतिशत

चंबा                     96 प्रतिशत              86 प्रतिशत

देहरा                   96.4 प्रतिशत            86 प्रतिशत

धर्मशाला              96.8 प्रतिशत            87 प्रतिशत

हमीरपुर              95.2 प्रतिशत            88 प्रतिशत

मंडी                   97.42 प्रतिशत          87 प्रतिशत

रामपुर                 96 प्रतिशत              88 प्रतिशत

ऊना                  96.80 प्रतिशत         81.2 प्रतिशत

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