AajTak : Apr 21, 2020, 07:58 AM
Coronavirus: पूरे देश में इस समय कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन जारी है और लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के तारापीठ में इस्तेमाल किए गए पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) किट बड़ी संख्या में एक होटल के बाहर मिलने से हड़कंप मच गया।जहां से ये पीपीई किट मिले हैं वहां पास में ही एक होटल है जिसे बीते दिनों प्रशासन ने क्वारनटीन सेंटर में बदल दिया था। बताया जा रहा है कि तारापीठ मंदिर के आसपास वायरस के संक्रमण को लेकर स्क्रीनिंग की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक स्क्रीनिंग करने वाले डॉक्टरों ने पीपीई किट को सड़क पर ही छोड़ दिया गया।वहीं पास के ही होटल में बने क्वारनटीन सेंटर में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 65 लोगों को जांच के बाद आइसोलेशन में रखा गया था। इनमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूर हैं। अब इस होटल में रह रहे कुछ लोगों ने कोरोना वायरस के लक्षणों के साथ ही बेचैनी की शिकायत की है जिससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं।जिन डॉक्टरों ने लोगों की जांच की थी उन्हें रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया था। बताया जा रहा है कि आइसोलेशन सेंटर के ठीक बगल में ही इस्तेमाल किए गए पीपीई किट को छोड़ दिया गया था। अब आइसोलेशन में रह रहे लोगों में कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद स्थानीय लोग गुस्से में है और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।अब इस मामले को लेकर डॉक्टरों से पूछताछ हो रही है। स्क्रीनिंग करने वाले पांच डॉक्टरों में से एक समीर कुमार सिन्हा ने कहा, “जब हम घटना स्थल पर पहुंचे तो वहां पुलिस अधिकारी मौजूद थे। हमने ग्राउंड फ्लोर को सबसे पहले सैनिटाइज किया। इस बीच फर्स्ट फ्लोर पर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही थी। दो पुलिस अधिकारी अलग-अलग कमरों में लोगों की निगरानी कर रहे थे। लेकिन उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे।''डॉक्टर ने कहा कि हमें नहीं पता था कि कौन कोरोना संक्रमित है क्योंकि हम हर शख्स को कमरे में खोजकर स्कैन कर रहे थे। यहां तक कि पुलिस अधिकारियों को भी इसकी जानकारी नहीं थी इसलिए वे भी हर कमरे की निगरानी कर रहे थे।