AMAR UJALA : Jul 02, 2020, 07:51 AM
Covid 19 India: भारत में पहली बार दो दवाओं के मिश्रण से कोरोना वायरस को हराने की तैयारी शुरू हो चुकी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी तक दवाओं को लेकर दुनिया भर में परीक्षण चल रहे हैं, लेकिन भारत ऐसी दवाओं पर परीक्षण कर रहा है जिनके जरिए न सिर्फ वायरस खत्म हो सकेगा, बल्कि मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। जानकारी के अनुसार अभी कोरोना वायरस को लेकर अन्य देशों में ऐसा परीक्षण शुरू नहीं हुआ है। इस दोहरे प्रभाव के लिए सेंटर ऑफ साइंटिफिक एंड इंड्रस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) काम कर रहा है। हैदराबाद की एक फॉर्मा कंपनी के सहयोग से मेदांता अस्पताल में कोरोना मरीजों पर परीक्षण चलेगा। फिलहाल, इसकी अनुमति के लिए सीएसआईआर ने ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को आवेदन भी भेजा है। जानकारी के अनुसार अनुमति मिलते ही यह परीक्षण शुरू होगा जो दो महीने तक चल सकता है। इस परीक्षण के परिणाम और उनकी समीक्षा के बाद डीसीजीआई को रिपोर्ट सौंपी जा सकती है।छह दवाओं के तीन समूहों पर कामअभी तक देश में कोरोना को हराने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा था लेकिन अब दो दवा के काम्बिनेशन पर काम शुरू हो चुका है। सीएसआईआर के वैज्ञानिकों के अनुसार छह दवाओं को लेकर तीन अलग-अलग समूह में परीक्षण चल रहा है। हर समूह में दो दवा हैं जिनमें से एक का काम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है तो दूसरी दवा कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए है।वायरस का खात्मा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी दवासीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने बताया कि हमने एक कॉम्बिनेशन पर भी परीक्षण करने का फैसला लिया है। इसमें तीन तरह की दवाओं के कंपोजिशन पर काम किया जाएगा। एक दवा का डोज वायरस को मारेगा तो दूसरी दवा की डोज प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि फेविपिराविर, अरबिडोल और लेप्रोसी वैक्सीन एमडब्ल्यू इन तीन तरह की दवाओं के कंपोजिशन पर काम किया जाएगा। इनके साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं को शामिल किया जाएगा।एमडब्ल्यू दवा पर पहले से ही परीक्षणएमडब्ल्यू दवा पर भारत में पहले से ही परीक्षण चल रहा है। इसके परिणाम भी एक से दो सप्ताह में आ सकते हैं। सीएसआईआर के वैज्ञानिक ही पिछले डेढ़ महीने से इस अध्ययन में जुटे हैं। वहीं फेविपिराविर को हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपातकालीन स्थिति में ही मरीज को देने की मंजूरी दी है। इस जापानी दवा के भारत में निर्माण के लिए ग्लेनमार्क को मंजूरी मिली है। दवा की एक गोली 103 रुपये में मिलेगी। दवा दुकानों और अस्पतालों में इसकी उपलब्धता पर भी काम चल रहा है।