Zee News : May 25, 2020, 05:30 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए तमाम देश और संगठन वैक्सीन की खोज में लगे हैं। वहीं, दूसरी ओर कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) बनने से पहले ही पूरे यूरोप और यहां तक की अमेरिका में भी वैक्सीन विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
तमाम हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सामान्य जीवन बिताने के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज जरूरी है। वहीं वैक्सीन का विरोध करने वालों ने बिल ग्रेट के कोरोना वैक्सीन फंडिंग को लेकर सवाल खड़े किये हैं। बिल गेट्स ने कोरोनो वायरस वैक्सीन की खोज के लिए $300 मिलियन का दान दिया है। जबकि आम लोगों का आरोप है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण मामले में उन्हें गुमराह किया जा रहा है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है।एक सर्वे के मुताबिक, केवल आधे अमेरिकी ही कोरोना वायरस की वैक्सीन के खोज की इच्छा रखते हैं। जबकि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 70 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोरोना वैक्सीन उनके चिंता का विषय है।आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड, फ्रांस, जर्मनी और यूके समेत अन्य कई देशों में कोरोना वैक्सीन का विरोध किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्विट्जरलैंड में 20 प्रतिशत लोगों वैक्सीन के विरोध में हैं, जबकि ऑस्ट्रिया में 18 प्रतिशत, जर्मनी में 9 प्रतिशत और यूनाइटेड किंगडम में 10 प्रतिशत लोग कोरोना वैक्सीन के खिलाफ हैंहाल ही में यूरोप के कई शहरों में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए थे। लोगों ने कोरोना वायरस वैक्सीन और सरकार की ओर से घोषित लॉकडाउन का विरोध किया था। लोगों ने विरोध प्रदर्शन में सरकार से लॉकडाउन हटाने की भी मांग की थी।
तमाम हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सामान्य जीवन बिताने के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज जरूरी है। वहीं वैक्सीन का विरोध करने वालों ने बिल ग्रेट के कोरोना वैक्सीन फंडिंग को लेकर सवाल खड़े किये हैं। बिल गेट्स ने कोरोनो वायरस वैक्सीन की खोज के लिए $300 मिलियन का दान दिया है। जबकि आम लोगों का आरोप है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण मामले में उन्हें गुमराह किया जा रहा है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है।एक सर्वे के मुताबिक, केवल आधे अमेरिकी ही कोरोना वायरस की वैक्सीन के खोज की इच्छा रखते हैं। जबकि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 70 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोरोना वैक्सीन उनके चिंता का विषय है।आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड, फ्रांस, जर्मनी और यूके समेत अन्य कई देशों में कोरोना वैक्सीन का विरोध किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्विट्जरलैंड में 20 प्रतिशत लोगों वैक्सीन के विरोध में हैं, जबकि ऑस्ट्रिया में 18 प्रतिशत, जर्मनी में 9 प्रतिशत और यूनाइटेड किंगडम में 10 प्रतिशत लोग कोरोना वैक्सीन के खिलाफ हैंहाल ही में यूरोप के कई शहरों में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए थे। लोगों ने कोरोना वायरस वैक्सीन और सरकार की ओर से घोषित लॉकडाउन का विरोध किया था। लोगों ने विरोध प्रदर्शन में सरकार से लॉकडाउन हटाने की भी मांग की थी।