जयपुर / राजस्थान में बारिश का रेड अलर्ट, पाली में सर्वाधिक बारिश

Zoom News : Aug 16, 2019, 02:09 PM
राजस्थान प्रदेश में अब तक हो सकने वाली सामान्य से 30 फीसदी बारिश अधिक हुई है। प्रदेश के सभी बांध और भूतल जलस्रोतों में साठ फीसदी से अधिक पानी आ चुका है और भी आवक जारी है। हालांकि वृहद बांधों में 72 फीसदी पानी भर चुका है। राज्य में बीस बांध ऐसे हैं, जिन पर चादर चल रही है। 

राजस्थान इन दिनों बारिश के रेड अलर्ट पर है। मौसम विभाग और भी भारी बारिश की चेतावनी जता चुका है। दक्षिण राजस्थान और पाली जैसे जिलों में लगातार बारिश परेशानी का सबब बनने लगी है। पाली में तो बाजार में सड़कों पर नालों की शक्ल में पानी बहा। पाली में बीते चौबीस घंटों में करीब पौने तीन सौ एमएम बारिश हो चुकी है। चित्तौड़गढ़ के बेगूं में एक ही दिन में तीन सौ एमएम बारिश मापी गई है। पाली में करीब पन्द्रह इंच बारिश रिकार्ड की गई है। यह राजस्थान में सर्वाधिक है। पाली में जिला कलक्टर ने दो दिनों के लिए स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया है। 

कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्रेक्टर पर पहुंचकर लोगों की समस्याएं जानीं और ढिलाई के चलते कलक्टर पर नाराजगी जताई। दक्षिण राजस्थान के कोटा, बारां, झालावाड़ आदि जिलों में भी सामान्य से खासी अधिक बारिश हुई है। जयपुर जिले में बारिश से एक मकान गिर गया और एक महिला की मौत हो गई। अब तक बारिश से कम लाभान्वित रहे जालोर जिले में भी लगातार दो दिन से कभी तेज तो कभी मध्यम बारिश हो रही है। ऐसे में वहां किसान और पशुपालकों के चेहरों पर खुशी नजर आ रही है।  

यह है बारां के हाल

बारां की भैरूपुरा बस्ती पुलिया डूब चुकी है। जिससे बस्ती का कस्बे से संपर्क कट गया है। इसके पास स्थित सीसवाली कोटा रोड़ पर कालीसिंध नदी पर स्थित पुलिा भी डूबने की सूचना है। जिससे कोटा मांगरोल सीसवाली, कोटा श्योपुर मार्ग बाधित हो गया है। वहीं दूसरी तरफ ल्हासी बांध का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे बांध के तीनो गेट खोलकर 13200 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। जिससे बांध के नीचे के क्षेत्र में बने छीपा बड़ोद, दिगोद खालसा गांव, खजुरिया डेम कॉलोनी, कवाई सालपुरा, रेलवे लाइन व ल्हासी नदी के किनारे बसे गांवों के प्रभावित होने की आशंका है। 


तेज बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान के अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, टोंक और उदयपुर में रेड अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही अलवर और करौली में ऑरेंज अलर्ट है। वहीं, दौसा, धौलपुर, जयपुर, सवाईमाधोपुर, सीकर, जौधपुर, नागौर, पाली में हल्की की संभावना है।

मध्यप्रदेश से वागड़ की ओर बढ़ रहा है कम दबाव का क्षेत्र, चेतावनी जारी

बंगाल की खाड़ी से उठे कम दबाव का क्षेत्र बहुत मजबूत है और वह अब राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह कम दबाव का क्षेत्र छत्तीसगढ़ से निकल कर मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ गया है। कम दबाव का क्षेत्र मुख्य रूप से चार राज्यों को प्रभावित करेगा, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश व राजस्थान शामिल है। जिससे अगले 24 घंटों में राजस्थान में अच्छी बारिश की संभावना है।

पाली हो गया पानी—पानी, रेल यातायात बाधित, 24 घंटे में 276 एमएम बारिश 

पाली जिले में बारिश के रौद्र रूप ने जनजीवन को अस्त—व्यस्त कर दिया है। जवाई बांध का गेज 22.10 फुट हो गया है। क्षेत्र सहित जालोरवासियो में खुशी की लहर है। वही जालोर जिले में भी पिछले 24 घंटे से भी ज्यादा समय से हो रही बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है।मानसून की सक्रियता से लोगों को अच्छी फसल की आस जगी है। साथ ही बारिश से पशुओं के लिए भी पीने के पानी व्यवस्था हो सकेगी। गौरतलब है कि जालोर में इस सीजन में बारिश तो हुईए लेकिन तेज बारिश का अभाव रहा। ऐसे में अब मानसून की सक्रियता से आस जगी है।

प्रदेश में तेज बारिश का दौर बुधवार से फिर शुरू हो गया। बूंदी, झालावाड़, प्रतापगढ़ और काेटा जिलाें में कई जगह 3 से 5 इंच तक पानी बरसा। जयपुर में 24 घंटे में 18.3 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बांसवाड़ा में उदयपुर संभाग का सबसे बड़ा माही बजाज सागर बांध ओवरफ्लाे हाे गया। इसके सभी 16 गेट खाेलने पड़े। कोटा में रेलवे ट्रैक पर पानी आने से दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग लगभग दो घंटे बाधित रहा। बूंदी के दबलाना में लोकेश कुमावत (25) की बहने से मौत हो गई।

बांधों पर एक नजर

राज्य में छोटे बड़े 801 बांध हैं। जिनमें से 123 बांध पूरी तरह से भर चुके हैं। वहीं 402 बांधों में पानी की आवक जारी है व गेज बढ़ रहा है। 285 बांध खाली बताए जा रहे हैं। कोटा बैराज, माही, जवाहर सागर और काली सिंध बांध से हजारों क्यूसेक पानी नदियों में छोड़ा जा रहा है। पाली के जवाई बांध में करीब 25 फीट पानी की आवक आज शाम तक होने की संभावना जताइ जा रही है। 

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