कोरोना वायरस / मॉडिफाइन लॉकडाउन को लेकर राजस्‍थान सरकार ने बदल दिया अपना यह फैसला

मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान खुलने जा रहे सरकारी दफ्तरों में 33 फीसदी स्टाफ बुलाने के फैसले को फिलहाल सरकार ने टाल दिया है। सोमवार से सरकारी दफ्तरों में 33 फीसदी स्टाफ नहीं बुलाया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि फिलहाल सरकारी दफ्तरों में 33 फीसदी स्टाफ को बुलाने की व्यवस्था टाल दी गई है, अभी केवल विभागाध्यक्ष, सचिव और उपसचिव स्तर के अफसर और उनके स्टाफ के कर्मचारियों को ही बुलाया जाएगा।

News18 : Apr 20, 2020, 09:37 AM
जयपुर। मॉडिफाइड लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान खुलने जा रहे सरकारी दफ्तरों में 33 फीसदी स्टाफ बुलाने के फैसले को फिलहाल सरकार ने टाल दिया है। सोमवार से सरकारी दफ्तरों में 33 फीसदी स्टाफ नहीं बुलाया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि फिलहाल सरकारी दफ्तरों में 33 फीसदी स्टाफ को बुलाने की व्यवस्था टाल दी गई है, अभी केवल विभागाध्यक्ष, सचिव और उपसचिव स्तर के अफसर और उनके स्टाफ के कर्मचारियों को ही बुलाया जाएगा। उल्‍लेखनीय है कि पहले सरकार ने सभी अफ़सरों के अलावा रोटेशन के आधार पर 33 फीसदी स्टाफ को बुलाने का फैसला किया था।

प्रवासी मजदूरों को मिले राज्य में आने की छूट

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को राज्य में आने की छूट मिलनी चाहिए। राजस्थान के लोग मजदूरों के अलावा दुकानदार, उद्यमी, नौकरी करने वाले बड़ी संख्या में अलग अलग राज्यों में है। प्रवासी राजस्थानी एक बार अपने घर आना चाहते हैं। सीएम अशोक गहलोत ने इस बाबत पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने की बात भी कही है। उन्‍होंने कहा कि  केंद्र को प्रवासियों को उनके घर तक आने की छूट देनी चाहिए। राजस्थान देश में एक मात्र राज्य है, जहां इतनी बड़ी तादाद में प्रवासी हैं। राजस्थान की अलग समस्या देख केंद्र को विचार करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों की हमें चिंता है। कई राज्यों से प्रवासियों के फोन आ रहे हैं, वे घर आने को आतुर हैं। अधिकांश की मांग यही है कि हमें वापस बुलाइए। राजस्थान सरकार की प्राथमिकता है, प्रवासी अपने घर तक पहुंच सके।

नहीं बरते मॉडिफाइड लॉक डाउन में लापरवाही

मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि मॉडिफाइड लॉक डाउन में लापरवाही नहीं बरते, लोगों को बाहर घूमने की इजाजत नहीं होगी। केवल उद्योगों को कुछ रियायतें दी गई हैं, बाकी लॉक डाउन वैसा ही रहेगा।  फिलहाल 3 मई तक पुराने पास मान्य रहेंगे। उन्‍होंने बताया क‍ि उद्योगों के लिए ई-पास की व्यवस्था है। सीएम ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग सब जगह रखनी जरूरी है। मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग रखना हर जगह जरूरी होगा। जहां उत्पादन शुरू हो रहा है, वहां इन प्रावधानों की सख्ती से पालन करना होगा। किराना की दुकानों पर भीड़ नहीं लगे, दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अब तक जनता द्वारा किए गए सहयोग को देखते हुए शर्तों के साथ मॉडिफाइड लोकडाउन में छूट दी गई है। उन्‍होंने कहा कि अब तक जनता ने सहयोग किया है, आगे भी सहयोग की उम्मीद है। कल लोग भीड़ करेंगे तो इतने दिन की तपस्या पर पानी फिर जाएगा। ऐसी नौबत न आए कि पुलिस को कार्रवाई करनी पड़े।

3500 करोड़ के राजस्व का नुकसान

सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि लॉक डाउन के कारण राज्य को 3500 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो चुका है। पहले से मंदी थी और अब कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था को चोट पहुंची है। हम सरकार के खर्च कम करने की संभावनाएं तलाशेंगे। इसके अलावा, बजट से गैर जरूरी खर्च कम करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। कोरोना लॉक डाउन में अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का आंकलन अरविंद मायाराम की अध्यक्षता वाली कमेटी कर रही है। अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है, केंद्र सरकार राज्यों को जल्द पैकेज दे, राज्य सरकार गरीबों के उत्थान की योजनाओं को बनाने में कोई कमी नहीं रखेगी।

वेंडर्स, डिलीवरी बॉयज के रैपिड टेस्ट करवाए जाएंगे

सीएम ने कहा है कि वेंडर्स, डिलीवरी बॉयज और फेरी लगाकर सामान बेचने वालों के रैपिड टेस्ट करवाए जाएंगे। फेरी लगाकर बेंचने वाले हो या डिलीवरी बॉय सबका रैपिड टेस्ट होगा। दिल्ली में डिलीवरी बॉय के पॉजिटव पाए जाने की घटना सबको पता है, हम इसे लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। उन्‍होंने यह भी बताया कि अभी तक एक भी कोरोना मरीज वेंटिलेटर पर नहीं हैं। 964 मरीज सामान्य वार्डों में है, केवल 3 मरीज आईसीयू में है। हमने तेज गति से टेस्ट के लिए 4 हजार सैंपल दिल्ली भेजे हैं, सोमवार तक उसकी रिपोर्ट आ जाएगी। 92 अस्पताल पहले से ही कोरोना के क्‍वायंटाइन क्वारन्टीन मरीजों के लिए चिन्हित कर दिए हैं। जयपुर में 6 अस्पताल कोरोना के इलाजे के लिए चिन्हित हैं और 21 हजार बेड की व्यवस्था है।

रमजान में लोग न हों इकट्ठे 

सीएम ने कहा, अक्षय तृतीया और रमजान आने वाले हैं, लॉक डाउन से पहले हमने धर्मगुरुओं सहित समाज के हर तबके के प्रतिनिधियों को बुलाकर बात की है। धर्म गुरुओं ने साथ देने की बात कही है। उन्‍होंने अपील की है कि धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ, इबादत घर पर ही करें। रमजान में लोग इकट्ठे नहीं हो, हम एक बार फिर धर्मगुरुओं से अपील कर रहे हैं, रमज़ान में इकट्ठे न होने दें, जिंदगी दांव पर नहीं लगाएं।