AajTak : Sep 06, 2020, 06:49 AM
Delhi: रूस की राजधानी मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ईरान पहुंच गए हैं। वह शनिवार शाम ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दौरे की जानकारी ट्वीट कर दी है। तेहरान में राजनाथ सिंह ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अमिर हातमी के साथ बैठक करेंगे।
राजनाथ सिंह का ईरान दौरा इस वजह से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिन पहले ही भारत ने फारस की खाड़ी में बनी स्थिति पर चिंता जताई है। भारत ने क्षेत्र के देशों से आपसी सम्मान पर आधारित वार्ता के जरिए अपने मतभेद सुलझाने का आह्वान किया। फारस की खाड़ी में ईरान, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से जुड़ी कई घटनाओं के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। फारस की खाड़ी की स्थिति पर जताई थी चिंता
राजनाथ सिंह का ईरान दौरा इस वजह से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिन पहले ही भारत ने फारस की खाड़ी में बनी स्थिति पर चिंता जताई है। भारत ने क्षेत्र के देशों से आपसी सम्मान पर आधारित वार्ता के जरिए अपने मतभेद सुलझाने का आह्वान किया। फारस की खाड़ी में ईरान, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से जुड़ी कई घटनाओं के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। फारस की खाड़ी की स्थिति पर जताई थी चिंता
SCO के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि फारस की खाड़ी की स्थिति पर भारत काफी चिंतित है। राजनाथ सिंह ने क्षेत्र के देशों को आपसी सम्मान पर आधारित वार्ता के जरिए मतभेद सुलझाने का आह्वान किया।पिछले महीने ईरान की नौसेना ने होरमुज जलसंधि के पास एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था। इस पर लाइबेरिया का ध्वज लगा हुआ था। अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र कहता है। ईरान ने इस क्षेत्र में तेल टैंकरों की आवाजाही रोकने की धमकी दी थी। SCO में ईरान को पर्यवेक्षक का दर्जानाटो के जवाब में देखा जाने वाला SCO सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। दुनिया की आबादी का लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा SCO में आता है। SCO का उद्देश्य क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखना है। SCO में ईरान को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। SCO की स्थापना 2001 में रूस, चीन, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी। भारत और पाकिस्तान को 2005 में संगठन के पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किया गया था। दोनों देशों को साल 2017 में पूर्ण सदस्यों के रूप में शामिल कर लिया गया था।Raksha Mantri Shri @rajnathsingh reached Tehran this evening. He will be meeting the Iranian Defence Minister during his visit. pic.twitter.com/gatbcRXZwL
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020