India China Faceoff / राज्यसभा में राजनाथ सिंह बोले- लद्दाख में चुनौती से गुजर रहे हम, पढ़ें 10 खास बातें

News18 : Sep 17, 2020, 03:17 PM
नई दिल्ली। भारत चीन सीमा विवाद (India China Faceoff) पर गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने राज्यसभा (Monsoon session 2020) में बयान दिया। इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमा पर किसी भी किस्म के बदलाव को भारत स्वीकार नहीं करेगा और जवानों का मनोबल ऊंचा है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने LAC पर सर्वोच्च बलिदान दिया।

रक्षा मंत्री ने सदन में यह बात स्वीकार की है कि LAC पर स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं हालांकि देश के जवान डटकर सामना कर रहे हैं। सदन के माध्यम से राजनाथ सिंह ने देश को इस बात का आश्वासन दिया कि पूर्वी लद्दाख में तैनात जवानों को गोला बारूद से लेकर हर तरह की सुविधाओं से लैस किया गया है और उनके लिए कोई भी कमी नहीं होने पाएगी।


यहां पढ़ें उनके बयान की 10 खास बातें

राज्यसभा में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सदन इस बात से अवगत है कि भारत और चीन सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है। भारत और चीन की बाउंड्री का कस्टमरी और ट्रेडिशनल अलाइनमेंट चीन नहीं मानता है। यह सीमा रेखा अच्छे से स्थापित भौगोलिक सिद्धांतों पर आधारित है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन मानता है कि बाउंड्री अभी भी औपचारिक तरीके से निर्धारित नहीं है। उसका मानना है कि हिस्टोरिकल जुरिस्डिक्शन के आधार पर जो ट्रेडिश्नल कस्टमरी लाइन है उसके बारे में दोनों देशों की अलग व्याख्या है। 1950-60 के दशक में इस पर बातचीत हो रही थी पर कोई समाधान नहीं निकला।

सिंह ने कहा कि सदन को जानकारी है कि पिछले कई दशकों में चीन ने बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्टिविटी शुरू की है, जिससे बॉर्डर एरिया में उनकी तैनाती की क्षमता बढ़ी है। इसके जबाव में हमारी सरकार ने भी बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का बजट बढ़ाया है, जो पहले से लगभग दोगुना हुआ है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सच है कि हम लद्दाख में एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन साथ ही मुझे भरोसा है कि हमारा देश और हमारे वीर जवान इस चुनौती पर खरे उतरेंगे। मैं इस सदन से अनुरोध करता हूं कि हम एक ध्वनि से अपनी सेनाओं की बहादुरी और उनके अदम्य साहस के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें।

राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि इस सदन से दिया गया, एकता व पूर्ण विश्वास का संदेश, पूरे देश और पूरे विश्व में गूंजेगा और हमारे जवान, जो कि चीनी सेनाओं से आंख से आंख मिलाकर अडिग खड़े हैं, उनमें एक नए मनोबल, ऊर्जा व उत्साह का संचार होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने पिछले कई दशकों में सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी तैनाती क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा निर्माण गतिविधि की। हमारी सरकार ने भी सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट को पिछले स्तरों से लगभग दोगुना कर दिया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन सीमा मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने स्पष्ट रूप से नियमों का पालन किया है, जबकि चीन इससे पीछे हटा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि चीनी कार्रवाई हमारे विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना है। चीन द्वारा सैनिकों की कार्रवाई 1993 और 1996 के समझौतों के खिलाफ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान और कड़ाई से निरीक्षण करना सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति का आधार है।

भारत-चीन विवाद पर राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि इन घटनाओं के दौरान हमारे सशस्त्र बलों के आचरण से पता चलता है कि जब उन्हें भड़काने की कोशिश की गई तब भी उन्होंने संयम बनाए रखा जिससे उन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक रूप से 'शौर्य' को भी प्रदर्शित किया।

राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि 15 जून को, कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ, भारत की अखंडता की रक्षा करने के उद्देश्य से गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। हमारे पीएम खुद सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए।

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