देश / RBI गवर्नर ने कहा- कोरोना 100 साल का सबसे बड़ा संकट, लेकिन अब दिखने लगे आर्थिक सुधार के संकेत

News18 : Jul 11, 2020, 12:03 PM
नई दिल्ली। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India Governor) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शनिवार को 7th SBI Banking and Economic Conclave में कहा कि कोविड-19 पिछले 100 साल का सबसे बड़ा स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट है। उन्होंने कहा, अच्छी बात ये है कि इकोनॉमी में सुधार (Indian Economy) के संकेत दिख रहे हैं। देश में आर्थिक लेनदेन सामान्य स्थिति में पहुंच गया है। लेकिन इस समय बैंकों को अपने रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस करना होगा। आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार (SBI Chairman Rajnish Kumar) ने शुक्रवार को कहा था कि लोन चुकाने के लिए मोराटोरियम पर एक्रॉस द बोर्ड विस्तार की जरूरत नहीं होगी। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कुछ सेक्टर्स को अभी भी सहायता की जरूरत है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस संबंध में उचित कदम उठायेगी।

आर्थिक ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे- RBI गवर्नर आगे कहते हैं कि कोरोना से निपटने के लिए कई अहम कदम उठाए गए है। कठिन समय में इकोनॉमी को रफ्तार देने की कोशिश लगाता जारी है।  सिस्टम में Surplus Liquidity बनाए रखने पर खासा जोर है। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट से पहले ही आरबीआई ने कई कदम उठाए। ब्या दरों में बड़ी कटौती की। आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने के लिए और कदम उठाने की तैयारी है।

आरबीआई गवरर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की वजह से उत्पादन, नौकरियों एवं स्वास्थ्य पर निगेटिव असर देखने को मिला है। इस संकट ने पहले से मौजूद वैश्विक व्यवस्था, ग्लोबल वैल्यू चेन और दुनियाभर में लेबर एंड कैपिटल मुवमेंट को प्रभावित किया है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी हमारी आर्थिक एवं वित्तीय व्यवस्था की मजबूती एवं लचीलता को परखने के लिहाज से अबतक का सबसे बड़ा टेस्ट है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बेहतर करने पर हमारा जोर है। संकट में भारतीय कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हमें प्रोडक्टिविटी बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए। मांग, सप्लाई कब तक सामान्य होगी अभी कहना मुश्किल है। RBI मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER