बिजनेस / दिवाली पर RBI ने उतारे 1700 करोड़ के नए नोट

Live Hindustan : Oct 29, 2019, 08:54 AM
बिजनेस डेस्क | दिवाली पर रिजर्व बैंक ने 1700 करोड़ रुपए के खरे-खरे नोट बाजार में उतारे हैं। सबसे ज्यादा मांग दस, बीस और पचास के नोटों की है। सौ और पांच सौ के नोटों की खेप सबसे ज्यादा उतारी गई है। हालांकि बैंकों ने नई करेंसी का एक बड़ा हिस्सा अपने खास ग्राहकों को बांट दिया।

दिवाली पर पूजन के लिए रिजर्व बैंक ने नई करेंसी जारी की है। करीब 1700 करोड़ की करेंसी में आधा हिस्सा पांच सौ के नोटों का है। चौथाई हिस्सा सौ के नोटों का है। शेष में पचास, बीस और दस के नोट हैं। दिलचस्प बात ये है कि इस बार बड़े नोटों के उलट छोटे नोटों की मांग ज्यादा है। शहर में 600 से ज्यादा शाखाओं में नए नोटों की मारामारी रही।

लक्ष्मी पूजन के लिए इस बार बैंकों में 20 रुपए के नोट की डिमांड ज्यादा है। वजह इसका नया होना है। 2018 की दिवाली की बात करें तो पूजन में रखने के लिए 10 रुपए के नए नोट की डिमांड ज्यादा थी। आम लोगों को नई करेंसी के दर्शन कम ही नसीब हुए। ज्यादातर बैंकों ने बड़े ग्राहकों के बीच नए नोटों की गड्डियां पहुंचाईं। एटीएम से भी नए नोट बेहद कम निकले।

दिसंबर तक वार्निश वाले नोट भी होंगे आपके हाथ में 

बाजार में दिसंबर तक वार्निश वाला नोट आ जाएगा। आरबीआई सबसे पहले सौ का नोट जारी करेगा। यह मौजूदा नोट के मुकाबले दोगुना टिकाऊ होगा। अभी सौ रुपए का नोट औसतन करीब तीन से चार साल चलता है लेकिन वार्निश चढ़े नोट की उम्र करीब दोगुना हो जाएगी यानी करीब सात-आठ साल तक टिका रहेगा। इन्हें पहले ट्रायल के आधार पर जारी किया जाएगा। नए नोट को ज्यादा संभालकर रखने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि नया नोट ना तो जल्दी कटेगा फटेगा, और ना ही पानी में जल्दी गलेगा क्योंकि इस पर वार्निश पेंट चढ़ा होगा। 

पहली बार इंग्लैंड से छपकर आया था एक का नोट 

पूरी दुनिया पहले विश्वयुद्ध की आग में झुलस रही थी। तब भारत के रुपए-पैसे ब्रिटिश सरकार छापती थी। चूंकि लड़ाई की वजह से सिक्के ढालने वाले टकसालों की क्षमता सीमित हो चुकी थी, लिहाजा ब्रिटिश सरकार ने एक रुपए का नोट निकाला। 30 नवंबर 1917 को इंग्लैंड से छपकर आया ये नीले रंग का नोट जल्द ही भारतीय बाजार पर छा गया।

शगुन के लिए एक रुपए का नोट सीमित मात्रा में जारी

इस बार भी दिवाली में बेहद सीमित मात्रा में एक रुपए के नोट जारी किए गए। ये नोट परंपरा निभाने के लिए शगुन के तौर पर छापे गए हैं। ये जानना भी बड़ा दिलचस्प है कि केवल एक रुपए का नोट ही एकमात्र ऐसी मुद्रा है, जिसपर आरबीआई का अधिकार नहीं होता। ये नोट सीधे सरकार के नियंत्रण में होता है इसीलिए इस पर आरबीआई गवर्नर की जगह वित्त सचिव के दस्तखत होते हैं। दो साल पहले ही एक रुपए का सुंदर सा नोट सौ बरस का हुआ था।

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