दुनिया / अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में विदेशी दूतावासों के पास दागे गए रॉकेट

AMAR UJALA : Aug 19, 2020, 08:44 AM
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को एक के बाद एक कई रॉकेट दागे गए। इन हमलों से राजधानी दहल उठी। ये रॉकेट राजनयिक इलाकों और विदेशी दूतावासों के पास दागे गए थे। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह रॉकेट अफगान राजधानी के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में दो वाहनों से दागे गए।

हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन हमलों में कोई हताहत हुआ है या नहीं। बता दें कि अफगानिस्तान में ये हमला तब हुआ है जब देश आज 101वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विस्फोटों के बाद राजनयिक क्षेत्र को जल्दी से खाली किया गया और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

शेष कैदियों की रिहाई अटकी

गृहयुद्ध से ग्रस्त अफगानिस्तान में तालिबान के शेष 400 कैदियों की रिहाई का मामला अटक गया है। सरकार ने कहा है कि वह शेष 400 तालिबान कैदियों की रिहाई तब तक नहीं करेगी जब तक तालिबान उसके सैनिकों को नहीं छोड़ता।

पिछले सप्ताह पारंपरिक महासभा लोया जिरगा ने तालिबान के इन कैदियों की रिहाई की मंजूरी दी थी। अब सरकार के इस कदम के बाद शांति वार्ता अधर में लटकती नजर आ रही है। इसी वर्ष फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौता हुआ था।

अमेरिका के साथ हुए समझौते के तहत अफगान सरकार को 5,000 तालिबानी कैदियों को रिहा करना है जबकि तालिबान को इसके बदले एक हजार सरकारी कर्मचारी और सुरक्षा बल के सदस्यों को मुक्त करना है। सरकारी प्रवक्ता ने कहा, हम उन्हें रिहा करेंगे, लेकिन यह दोनों तरफ से होना चाहिए।


अफगानिस्तान सरकार को नहीं मानते: तालिबान

बता दें कि अफगानिस्तान में यहां की सरकार और तालिबान के बीच कतर की राजधानी दोहा में इंट्रा-अफगान शांति समझौते से पहले आतंकी संगठन ने कहा कि वह अफगान सरकार को एक वैध प्रणाली के रूप में मान्यता नहीं देता है।


दरअसल तीन दिन पहले आतंकी संगठन ने इस संबंध में एक बयान जारी किया था। यह बयान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया पर उनके एक सलाहकार के हालिया बयान के जवाब में जारी किया गया।


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