दुनिया / रूस-पाकिस्तान में ये डील हुई फाइनल, भारत के लिए झटका

Zoom News : May 30, 2021, 04:28 PM
रूस और पाकिस्तान के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। अप्रैल में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ऊर्जा क्षेत्र में मदद मुहैया कराने के साथ पाकिस्तान को विशेष सैन्य उपकरण मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। इसी क्रम में रूस ने पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों पक्षों में एक करार को हरी झंडी दी है। रूस और पाकिस्तान के बीच एक गैस पाइपलाइन के निर्माण के लिए समझौता हुआ है। रूस से पाकिस्तान का यह समझौता तब हुआ है जब अमेरिका ने भारत के पड़ोसी मुल्क के लिए सुरक्षा सहायता बहाल किए जाने से इनकार कर दिया है।

बहरहाल, रूस और पाकिस्तान ने 'पाकिस्तान स्ट्रीम प्राकृतिक गैस पाइपलाइन' के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। रूस के ऊर्जा मंत्रालय और मास्को में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने शुक्रवार को एक करार पर हस्ताक्षर किए। रूस के ऊर्जा मंत्रालय ने बताया कि रूसी ऊर्जा मंत्री निकोलाई शुलगिनोव और मास्को में पाकिस्तान के राजदूत शफकत अली खान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। 

इस 1,100 किलोमीटर लंबी परियोजना को पहले नॉर्थ-साउथ पाइपलाइन के रूप में जाना जाता था। रूसी कंपनियों पर अमेरिका पाबंदियों की आशंका के चलते इस योजना का नाम बदलकर 'पाकिस्तान स्ट्रीम गैस पाइपलाइन' कर दिया गया। फिलहाल, इस परियोजना के जरिये सालाना 12।4 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस ले जाने की योजना है। 

वास्तव में रूस और पाकिस्तान ने 2015 में ही इस संबंध में एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन कई अन्य वजहों से परियोजना को स्थगित कर दिया गया था। 

रूस के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों की कंपनियां जल्द ही उस परियोजना काम करना शुरू करेंगी। इससे पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। 

पाकिस्तानी दूतावास ने बताया कि गैस के लिए पाइपलाइन कराची से कसूर तक बनाई जाएगी। यह परियोजना पाकिस्तान और रूस के बीच एक प्रमुख रणनीतिक उद्यम है और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेगी।


पाकिस्तान दूतावास ने कहा कि इस्लामाबाद मास्को के साथ "रणनीतिक साझेदारी" चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान "पारस्परिक हित के सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए तत्पर है।" पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने द न्यूज को बताया कि इस परियोजना को लेकर "कई तरह की उथल-पुथल देखी गई। लेकिन रूसी पक्ष इस तथ्य को जानते हुए भी परियोजना के लिए प्रतिबद्ध बना रहा कि पाकिस्तान ने कई बार इसके ढांचे में बदलाव किए हैं।"

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अप्रैल में भारत के बाद पाकिस्तान का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कई स्तर पर पाकिस्तान को मदद मुहैया कराने की बात कही थी। लावरोव ने पाकिस्तान को “विशेष” सैन्य उपकरण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। लावरोव के इस आश्वासन को इसलिए अहम नजर से देखा गया क्योंकि शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान अमेरिका के साथ था जिसकी रूस से तनातनी चल रही थी। लावरोव की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान शीत युद्ध काल के इन दो विरोधियों के बीच आतंकवाद से लड़ने में सहयोग बढ़ाने और संयुक्त नौसैन्य  भूमि अभ्यास करने पर सहमति बनी थी।

अब तक होता ये रहा है कि भारत से मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों के चलते रूस पाकिस्तान से कई समझौतों के लेकर आगे नहीं बढ़ा। पाकिस्तान लंबे अरसे से रूस से SU-35 फाइटर जेट खरीदने की कोशिशें कर रहा है। मगर रूस और भारत के बीच लंबे समय से स्थायी संबंध हमेशा इस अहम रक्षा सौदे के रास्ते में आड़े आ जाते हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना था कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की अप्रैल 2021 में भारत-पाकिस्तान यात्रा और पाकिस्तान के सेना प्रमुख की ओर से भारत के साथ संबंध सुधारने की अप्रत्यक्ष कोशिश वास्तव में पाकिस्तान के रूस से एसयू-35 विमान खरीदने की कोशिश है। पाकिस्तान, भारत से अपने रिश्ते पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है।

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