Live Hindustan : Aug 11, 2020, 11:55 AM
Rajasthan Crisis: गांधी परिवार के सीधे हस्तक्षेप से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच महीने भर से चली आ रही खींचतान सुलझ गई। पायलट ने सोमवार दोपहर को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया, शाम को कांग्रेस आलाकमान ने उनकी शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की। ऐसा माना जा रहा है कि एक समझौता हुआ है, जिसमें तय किया गया है कि पायलट समूह के विधायक गहलोत सरकार में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और बदले में, यह आश्वासन मिला कि बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 200 सदस्यीय विधानसभा में गहलोत को 100 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है।सचिन पायलट को 14 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था। इसके अलावा, पायलट गुट के दो विधायकों को भी उनके मंत्री पद से हटा दिया गया था। कांग्रेस के एक शीर्ष नेता के अनुसार, सोनिया गांधी का स्पष्ट संदेश था 'सचिन पायलट को पार्टी से जाने नहीं देना है।' जब गहलोत ने सार्वजनिक रूप से पायलट पर निजी हमला किया, तो उन्हें निर्देश दिया गया कि वे ऐसा न करें। प्रियंका और राहुल गांधी ने शुरुआत में पायलट को बहुत समझाने की कोशिश की। बातचीत समाप्त होने के बाद भी, प्रियंका पायलट के संपर्क में थीं। नेता ने कहा कि कई कोशिशों के बाद, राहुल गांधी ने सचिन पायलट से मुलाकात की और फिर उनका रास्ता तैयार किया गया।जहां, एक ओर कांग्रेस पार्टी गांधी परिवार के निर्देशों पर गहलोत के साथ खड़ी थी, तो इसी दौरान सचिन की शिकायतों को दूर करने के प्रयास भी जारी थे। राहुल-सचिन की बैठक में प्रियंका गांधी मौजूद थीं, इसके बाद सोमवार को देर शाम प्रियंका गांधी ने अहमद पायलट, केसी वेणुगोपाल के साथ पायलट गुट के विधायकों के साथ मुलाकात की और उन्हें 'सुनवाई' का आश्वासन दिया।पायलट को मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा पदकांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में सचिन पायलट गुट के विधायकों को सरकार में महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे और नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी। पायलट को कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा पद दिया जाएगा। महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तीन नेताओं की एक समिति का गठन करेंगी जो सचिन और बागी विधायकों की चिंताओं और मांगों पर गौर करेगी। समिति उन कारणों पर गौर करेगी कि गहलोत सरकार में सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों की उपेक्षा क्यों की गई।अविनाश पांडे पर गिरेगी गाज?गहलोत-पायलट के झगड़े में राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे पर भी बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी और अहमद पटेल के सामने सचिन पायलट ने प्रभारी अविनाश पांडे को हटाने की मांग की। पायलट ने कहा कि अविनाश पांडे ने अशोक गहलोत का एकतरफा समर्थन किया। बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, सचिन को यह आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में पांडे को राजस्थान से हटाया जा सकता है और उन्हें दूसरे राज्य की जिम्मेदारी मिल सकती है।