Zee News : Sep 12, 2020, 07:25 AM
नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के बीच का तनाव अब काफी बढ़ चुका है। लेकिन इस मामले में अब संजय राउत (Sanjay Raut) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। क्योंकि राष्ट्रीय महिला आयोग संजय राउत (Sanjay Raut) की अध्यक्ष रेखा शर्मा (Rekha Sharma) ने मुंबई पुलिस से संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।
आपको याद दिला दें कि राउत ने कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से करने के लिए कंगना को 'हरामखोर' कहा था। शर्मा ने पुलिस आयुक्त से मामले को देखने का अनुरोध किया। उन्होंने ट्विटर पर उन्हें टैग भी कियादूसरी ओर, कंगना रनौत ने अपने ट्वीट के माध्यम से पहले ही साफ़ कर दिया था कि उनके पास बीएमसी द्वारा ध्वस्त किए गए अपने कार्यालय का नवीनीकरण करने के लिए पैसे नहीं हैं और इस तरह, कार्यालय के नाम पर वह इसी खंडहर से काम लेती रहेंगी।
NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा की राय है कि अगर मुंबई पुलिस कंगना पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ 'फाउल भाषा' का इस्तेमाल करने को लेकर शिकायत दर्ज कर सकती है, तो वे निश्चित रूप से कंगना रनौत को गाली देने के लिए संजय राउत के खिलाफ मुकदमा कर सकती हैं।रेखा ने ट्वीट में लिखा, 'अगर @MumbaiPolice उद्धव ठाकरे जी पर Foul Language का उपयोग करने के लिए @KanganaTeam के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकती है, तो वे निश्चित रूप से #SanjayRaut के खिलाफ कंगना के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए शिकायत कर सकते हैं। क्या सभी के लिए कानून समान नहीं है?'I had my office opening on 15th Jan, shortly after corona hit us, like most of us I haven’t worked ever since, don’t have money to renovate it, I will work from those ruins keep that office ravaged as a symbol of a woman’s will that dared to rise in this world #KanganaVsUddhav https://t.co/98VnFANVsu
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 10, 2020
आपको याद दिला दें कि राउत ने कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से करने के लिए कंगना को 'हरामखोर' कहा था। शर्मा ने पुलिस आयुक्त से मामले को देखने का अनुरोध किया। उन्होंने ट्विटर पर उन्हें टैग भी कियादूसरी ओर, कंगना रनौत ने अपने ट्वीट के माध्यम से पहले ही साफ़ कर दिया था कि उनके पास बीएमसी द्वारा ध्वस्त किए गए अपने कार्यालय का नवीनीकरण करने के लिए पैसे नहीं हैं और इस तरह, कार्यालय के नाम पर वह इसी खंडहर से काम लेती रहेंगी।