नई दिल्ली / शारदा घोटाला - सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सीबीआई ने अतिगंभीर खुलासे किए, आदेश अभी देना संभव नहीं

Dainik Bhaskar : Mar 26, 2019, 06:55 PM
नई दिल्ली. शारदा चिटफंड घोटाले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में अतिगंभीर खुलासे किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट सीलबंद है। दूसरे पक्ष को सुने बिना हम आदेश नहीं दे सकते। सीबीआई ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से हुई पूछताछ को लेकर नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि हमारे सामने अगर गंभीर खुलासे किए जाते हैं तो हम अफनी आंखें बंद नहीं कर सकते। अदालत ने सीबीआई को कुमार के खिलाफ 10 दिन के भीतर आवेदन करने के निर्देश भी सीबीआई को दिए। 

कुमार पर सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप

बेंच ने कहा- सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में है। हम अभी कोई भी आदेश बिना दूसरे पक्ष को सुने नहीं दे सकते। बेंच सीबीआई द्वारा तत्कालीन आला पुलिस अधिकारियों पर लगाए गए सबूतों को मिटाने और जांच में सहयोग ना करने के आरोपों के मामले की सुनवाई कर रही थी। सीबीआई ने राजीव कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए थे, जो कि घोटाले की जांच करने वाली एसआईटी के प्रमुख थे। इसके बाद सीबीआई से कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।

शिलॉन्ग में की गई थी कुमार से पूछताछ

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी थी। इसी साल 3 फरवरी को सीबीआई की टीम कोलकाता स्थित राजीव कुमार के घर पहुंची थी तो उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। अधिकारियों को पुलिस स्टेशन भी ले जाया गया था। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई और केंद्र पर आरोप लगाते हुए धरना भी दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार से सहयोग करने को कहा था। इसके बाद सीबीआई की टीम ने शिलॉन्ग में कुमार से लंबी पूछताछ की थी।

2460 करोड़ का शारदा चिटफंड घोटाला

शारदा ग्रुप से जुड़े पश्चिम बंगाल के कथित चिटफंड घोटाले के 2,460 करोड़ रुपए तक का होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 80 फीसदी जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा ग्रुप की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन स्कीमों के जरिए पैसा इधर-उधर करने में किया गया। ये तीन स्कीम थीं- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट।

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