नई दिल्ली / 1.17 करोड़ मूल्य के बंद हो चुके नोटों को जमा कराने के लिए बिज़नेसमैन पहुंचा एससी

Jansatta : Aug 31, 2019, 04:58 PM
Demonetisation, Reserve bank of india, banknote, economy: नोटबंदी के लगभग तीन साल बाद एक बिज़नेसमैन द्वारा 1.17 करोड़ के पुराने नोट बैंक में जमा करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरबीआई को नोटिस जारी किया है। दरअसल याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने नोटबंदी के दौरान पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने की कोशिश की लेकिन बैंक ने उन नोटों को लेने से मना कर दिया। याचिकाकर्ता ने बताया इसका एक रिप्रजेंटेशन उन्होंने आरबीआई को भी भेजा था लेकिन वहां से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने तमिलनाडु के व्यवसायी के. रमण की याचिका पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही पीठ ने इस मामले को पुराने मामलों के साथ जोड़ दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें पुराने नोटों को जमा करने की इजाजत नहीं देना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता AJAI एक्जिम कंपनी का मालिक है, जो यार्न की खरीद और सप्लाइ करते हैं।

बता दें जब सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोटों को नवंबर 2016 में बंद किया गया था। तब 30 दिसंबर तक पुराने नोटों को जमा करने का समय दिया गया था। हालांकि बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2017 तक कर दिया गया था। 30 दिसंबर, 2016 को याचिकाकर्ता ने तिरुपूर में तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक की अम्मापलायम शाखा से संपर्क किया, जहां उनके पास खाते में जमा करने के लिए 1,17,00,872 रूपाय थे। लेकिन बैंक ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई कंपनियों को पोस्ट डेटेड चेक जारी किए थे लेकिन बैंक द्वारा रकम जमा न करने की स्थिति में चेक बाउंस हो गए। जिस कारण उन पर आपराधिक मुकदमे का खतरा भी मंडरा रहा है।

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