कोरोना वायरस / वैज्ञानिक बोले- अंगुली की लंबाई बताती है कोरोना से मौत का खतरा कितना?

AajTak : May 27, 2020, 08:25 AM
दिल्ली:  वैज्ञानिकों ने एक स्टडी के बाद दावा किया है कि पुरुषों के हाथ की एक अंगुली का संबंध कोरोना वायरस के खतरे से है। वैज्ञानिकों की मानें तो एक अंगुली के आकार से ये पता चल सकता है कि कोरोना से मौत का खतरा कम है या अधिक। आइए जानते हैं वैज्ञानिकों की इस स्टडी के बारे में-

वैज्ञानिकों का कहना है कि हाथों की अंगुली का कोरोना के खतरे से कनेक्शन है और इसके पीछे विज्ञान की वजह है। वैज्ञानिकों ने अंगुली के आकार से कोरोना के खतरे का संबंध स्थापित करने के लिए 41 देशों के मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया। इसमें भारत के भी 2274 पुरुष कोरोना मरीजों को शामिल किया गया।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि जिन पुरुषों की अनामिका अंगुली (Ring Finger) लंबी है, कोरोना से मौत का खतरा तुलनात्मक रूप से उन्हें कम है। स्टडी में दावा किया गया है कि लंबी अनामिका अंगुली वाले पुरुषों में कोरोना के सिर्फ हल्के लक्षण हो सकते हैं।

ब्रिटेन के वेल्स में स्थित स्वानसी यूनिवर्सिटी में ये स्टडी की गई। 1920 में स्थापित ये यूनिवर्सिटी पब्लिक रिसर्च के लिए जानी जाती है। इस स्टडी को Early Human Development जर्नल में प्रकाशित किया गया है। स्टडी के मुताबिक, महिलाओं के हाथों की अंगुली का डेथ रेट से कनेक्शन नहीं पाया गया।

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, लीड रिसर्चर प्रोफेसर जॉन मैनिंग ने कहा कि स्टडी के आधार पर देखें तो ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया और पूर्वी एशिया के देशों को बायोलॉजिकल एडवांटेज मिल सकता है। इन देशों के लोगों की अनामिका अंगुली आमतौर पर लंबी होती है।

स्टडी में कहा गया है कि अनामिका अंगुली की लंबाई का संबंध गर्भ के दौरान भ्रूण को मिले टेस्टोस्टेरॉन के लेवल से होता है। इस स्टडी के लिए वैज्ञानिकों ने 41 देशों के 2 लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया। इन लोगों के हाथों की अंगुली का माप रिसर्चर्स ने लिया था।

वैज्ञानिकों ने स्टडी के दौरान पाया कि जिन देशों के पुरुषों की अनामिका अंगुली औसतन छोटी होती है, वहां पुरुषों के कोरोना से मौत का खतरा अधिक होता है।

वैज्ञानिकों ने हाथों की अंगुली की स्टडी के लिए एक अनुपात का भी इस्तेमाल किया। इस दौरान तर्जनी और अनामिका का माप लिया गया। तर्जनी की लंबाई में अनामिका की लंबाई से भाग दिया गया। इसे 'डिजिट रेशियो' कहा गया। वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर डिजिट रेशियो कम है (करीब 0।976) तो इसका मतलब हो सकता है कि आप कोरोना से बच जाएं। वहीं, अगर डिजिट रेशियो अधिक है, (0।99 से अधिक) तो इसका इशारा ये हो सकता है कि आपको कोरोना से अधिक खतरा हो। इसका ये भी मतलब हुआ कि डिजिट रेशियो कम होने के लिए आपकी अनामिका लंबी होनी चाहिए।

डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट का दावा है कि अनामिका अंगुली की लंबाई इस चीज से तय होती है कि गर्भ के दौरान भ्रूण को टेस्टोस्टेरॉन कितना अधिक मिला। ऐसा समझा जाता है कि पुरुषों को जितना अधिक टेस्टोस्टेरॉन मिलता है, अनामिका अंगुली की लंबाई उतनी अधिक होती है।

इससे पहले भी कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना के मरीजों में टेस्टोस्टेरॉन बचाव का काम करता है। टेस्टोस्टेरॉन से ACE-2 रिसेप्टर्स की संख्या शरीर में बढ़ जाती है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस शरीर में ACE-2 रिसेप्टर्स के जरिए ही इंफेक्शन फैलाता है। लेकिन ACE-2 रिसेप्टर्स की अधिक संख्या फेफड़े को नुकसान से बचा लेता है।

स्टडी में पता चला कि अधिक टेस्टोस्टेरॉन वाले पुरुषों की तुलना में कम टेस्टोस्टेरॉन लेवल वाले पुरुषों को कोरोना से मौत का खतरा अधिक होता है।

इससे पहले कई स्टडी में ऐसे सबूत मिले हैं कि कोरोना वायरस से मौत को लेकर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को अधिक खतरा है। लेकिन अब तक ठीक-ठीक ये पता नहीं लगाया जा सका है कि क्यों महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को अधिक खतरा है।

ब्रिटिश सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी दफ्तर के मुताबिक, इंग्लैंड और वेल्स में प्रति एक लाख लोगों में कोरोना से मौत का आंकड़ा, पुरुषों के लिए 97।5 है, वहीं महिलाओं के लिए ये 46।5 है।

वैज्ञानिकों को ये भी लगता है कि पुरुष महिलाओं के मुकाबले कम हाथ धोते हैं, मेडिकल हेल्प लेने में भी संभवत: देरी करते हैं। लेकिन साथ-साथ डॉक्टरों का ये भी मानना है कि टेस्टोस्टेरॉन का लेवल भी पुरुषों की अधिक मौत का कारण हो सकता है।

साइंटिस्ट को स्टडी के दौरान पता चला कि मलेशिया, रूस और मैक्सिको के लोगों की अनामिका अंगुली बड़ी होती है। इन देशों में कोरोना की केस फर्टिलिटी दर कम देखी गई।

ब्रिटेन, बुल्गारिया और स्पेन में अनामिका अंगुली छोटी पाई गईं और यहां केस फर्टिलिटी दर अधिक थी। बाएं हाथ की तुलना में दाएं हाथ के माप से खतरे का संबंध अधिक सटीक पाया गया।

खासकर जब दाएं हाथ की अनामिका अंगुली का माप लिया गया तो देखा गया कि 10 देश जहां के लोगों की अनामिका अंगुली सबसे अधिक लंबी होती है, उनमें केस फेटैलिटी रेट 2।7 फीसदी है। वहीं, 10 देश, जहां के लोगों की अनामिका अंगुली सबसे छोटी होती है, उनके यहां औसत केस फेटैलिटी रेट 4।9 फीसदी मिला।

वहीं, हाल ही में जर्मनी के हॉस्पिटल के 45 मरीजों पर एक स्टडी की गई थी। इन मरीजों में 12 हार्मोन्स की जांच की गई थी। स्टडी में शामिल हैंबर्ग के प्रोफेसर गुलसाह ग्रैबिएल ने कहा कि कोरोना से जान गंवाने वाले और भर्ती किए गए ज्यादातर मरीजों में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम था। इसके पीछे वजह बताई गई कि टेस्टोस्टेरॉन शरीर में इम्यून रेस्पॉन्स को रेग्युलेट करने का काम करता है।

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