AMAR UJALA : Apr 07, 2020, 10:39 AM
दिल्ली: मौसमी बदलावों और रविवार रात की पटाखेबाजी ने दस दिन बाद एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब की है। हवा की चाल में कमी आने और मिक्सिंग हाइट गिरने से 24 मार्च के बाद पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) औसत दर्जे में चला गया है। वहीं, रविवार देर रात की पटाखेबाजी ने भी इस पर असर डाला है। विशेषज्ञ इस बदलाव को अस्थायी मान रहे हैं। सफर का अनुमान है कि मंगलवार से हवा की गुणवत्ता संतोषजनक स्तर में पहुंच जाएगी।
इससे पहले, कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के मकसद से किए गए लॉकडाउन के तुरंत बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार आया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 व 25 मार्च के 24 घंटों में 45 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली का एक्यूआई संतोषजनक स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद इसमें खास फेरबदल नहीं हुआ। 28 मार्च को तो एक्यूआई अच्छे की श्रेणी में आ गया था। रविवार दोपहर बाद से हवा की गुणवत्ता में गिरावट आनी शुरू हुई। एक्यूआई शनिवार के 87 की तुलना में 102 पर पहुंच गया। सोमवार को इसका स्तर 142 रहा। इसमें सबसे प्रभावी प्रदूषक धूल के महीन कण पीएम2.5 थे।सफर का कहना है कि हवा की चाल धीमी होने व मिक्सिंग हाइट के नीचे आने से एक्यूआई में गिरावट आई है। हालांकि यह अस्थायी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम2.5 के प्रभावी होने से जाहिर है कि पटाखेबाजी से भी हवा खराब हुई है। सफर का पूर्वानुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मंगलवार को बारिश हो सकती है। वहीं, बाउंड्री लेयर हाइट भी ऊपर जाएगी। इससे प्रदूषक दूर-दूर तक फैल सकेंगे और एक्यूआई में तेजी से सुधार आएगा। यह अच्छी और संतोषजनक की सीमा पर पहुंच जाएगी। अगले दस दिन एक्यूआई कमोबेश इसी स्तर पर रहेगा।
पहले 5 दिन में पीएम2.5 में 49 फीसदी की गिरावट
सफर ने पहले 5 दिन लॉकडाउन के वायु गुणवत्ता पर पड़े असर का आकलन किया है। इसमें बताया गया है कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रुकने और दिल्ली-एनसीआर में फैक्टरियों के बंद होने से नॉक्स व पीएम2.5 की मात्रा में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है। 25-30 मार्च के बीच नॉक्स की मात्रा 63 फीसदी और पीएम2.5 हवा में 49 फीसदी कम हुआ है।28 मार्च को सबसे तरोताजा थी हवा
लॉकडाउन के दौरान अब तक दिल्ली की हवा 28 मार्च को सबसे अच्छी थी। इस दिन एक्यूआई 45 पर था। अन्य दिनों में यह 50-90 के बीच दर्ज किया गया था।
इससे पहले, कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के मकसद से किए गए लॉकडाउन के तुरंत बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार आया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 व 25 मार्च के 24 घंटों में 45 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली का एक्यूआई संतोषजनक स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद इसमें खास फेरबदल नहीं हुआ। 28 मार्च को तो एक्यूआई अच्छे की श्रेणी में आ गया था। रविवार दोपहर बाद से हवा की गुणवत्ता में गिरावट आनी शुरू हुई। एक्यूआई शनिवार के 87 की तुलना में 102 पर पहुंच गया। सोमवार को इसका स्तर 142 रहा। इसमें सबसे प्रभावी प्रदूषक धूल के महीन कण पीएम2.5 थे।सफर का कहना है कि हवा की चाल धीमी होने व मिक्सिंग हाइट के नीचे आने से एक्यूआई में गिरावट आई है। हालांकि यह अस्थायी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम2.5 के प्रभावी होने से जाहिर है कि पटाखेबाजी से भी हवा खराब हुई है। सफर का पूर्वानुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मंगलवार को बारिश हो सकती है। वहीं, बाउंड्री लेयर हाइट भी ऊपर जाएगी। इससे प्रदूषक दूर-दूर तक फैल सकेंगे और एक्यूआई में तेजी से सुधार आएगा। यह अच्छी और संतोषजनक की सीमा पर पहुंच जाएगी। अगले दस दिन एक्यूआई कमोबेश इसी स्तर पर रहेगा।
पहले 5 दिन में पीएम2.5 में 49 फीसदी की गिरावट
सफर ने पहले 5 दिन लॉकडाउन के वायु गुणवत्ता पर पड़े असर का आकलन किया है। इसमें बताया गया है कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रुकने और दिल्ली-एनसीआर में फैक्टरियों के बंद होने से नॉक्स व पीएम2.5 की मात्रा में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है। 25-30 मार्च के बीच नॉक्स की मात्रा 63 फीसदी और पीएम2.5 हवा में 49 फीसदी कम हुआ है।28 मार्च को सबसे तरोताजा थी हवा
लॉकडाउन के दौरान अब तक दिल्ली की हवा 28 मार्च को सबसे अच्छी थी। इस दिन एक्यूआई 45 पर था। अन्य दिनों में यह 50-90 के बीच दर्ज किया गया था।