NavBharat Times : Aug 01, 2020, 10:40 AM
नई दिल्ली: डॉक्टर जैसा पेशे में रहकर लोगों की बेरहमी से जान लेनेवाले हैवान देवेंद्र शर्मा के बारे में और चौंकानेवाली जानकारी मिली हैं। सीरियल किलर डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने पहले कबूला था कि 50 कत्ल के बाद वह मर्डर्स की गिनती भूल गया था। अब उसने माना है कि अबतक वह 100 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है, जिसमें से ज्यादातर को उसने यूपी की एक नहर में मौजूद मगरमच्छ का खाना बना दिया।
देवेंद्र शर्मा नाम के इस डॉक्टर को पिछले दिनों दिल्ली से पकड़ा गया है। वह किडनी केस में पिछले 16 साल से सजा काट रहा था और अब परोल पर बाहर था। 20 दिन बाद उसे वापस जेल जाना था लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गया था। अब पकड़ेजाने के बाद उसे काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुल रहा है।
गैस एजेंसी में लूटकर बेचता सिलेंडरदेवेंद्र शर्मा राजस्थान में डॉक्टरी करते करते कैसे कातिल बन गया यह सब जानना चाहते हैं। पता चला है कि एक निवेश में धोखे के बाद उसने जुर्म का रास्ता चुना था। फिर वह डॉक्टरी के साथ-साथ किडनी ट्रांसप्लांट रैकिट, फर्जी गैस एजेंसी भी चलाने लगा। इतना ही नहीं वह चोरी के वाहन भी बेचता था। अपनी फर्जी गैस एजेंसी के लिए जब उसे सिलेंडर चाहिए होते तो वह गैस डिलिवरी ट्रक लूट लेता और उसके ड्राइवर को मार देता।ड्राइवर्स का शव नहर में फेंकादेवेंद्र कैब ड्राइवर्स को उनकी गाड़ियों के लिए मार देता था। दिल्ली से यूपी जाने के लिए इसके गैंग के लोग जिस टैक्सी को बुक करके उसे ही लूट लेते। पकड़ेजाने के बाद शर्मा ने बताया कि उसने ज्यादातर शवों को उत्तर प्रदेश, कासगंज के हजारा नहर में फेंक दिया। इस नहर में बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं।
डॉक्टर ऐसे बना शैतानशर्मा को अब बीते बुधवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। साल 1984 में देवेंद्र शर्मा ने आर्युवेदिक मेडिसिन में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करके राजस्थान में क्लीनिक खोला। फिर 1994 में उसने गैस एजेंसी के लिए एक कंपनी में 11 लाख का निवेश किया। लेकिन कंपनी अचानक गायब हो गई। फिर नुकसान के बाद उसने 1995 में फर्जी गैस एजेंसी खोल ली।शर्मा ने एक गैंग बनाया जो एलपीजी सिलेंडर लेकर जाते ट्रकों को लूट लेता। इसके लिए वे लोग ड्राइवर को मार देते और ट्रक को भी कहीं ठिकाने लगा देते। इस दौरान उसने गैंग के साथ मिलकर करीब 24 मर्डर किए। फिर देवेंद्र शर्मा किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह में शामिल हो गया। उसने सात लाख प्रति ट्रांसप्लांट के हिसाब से 125 ट्रांसप्लांट करवाए। साथ ही साथ ये लोग कैब ड्राइवर्स को मारकर उनकी कैब लूट लेते। ड्राइवर की बॉडी को नहर में फेंक दिया जाता था, और कैब को यूजड कार बताकर बेच दिया जाता।इसके बाद वह 2004 में पकड़ा गया और 16 साल जयपुर जेल में रहा। फिर अच्छे बर्ताव के लिए उसे जनवरी 2020 को 20 दिन की परोल मिली। लेकिन वह भाग गया और अंडर ग्राउंड हो गया। फिर वह दिल्ली के मोहन गार्डन में छिपकर रहने लगा। यहां वह एक बिजनसमैन को चूना लगाने वाला था। लेकिन पुलिस को उसके यहां होने की भनक लगी और आखिर में उसे पकड़ लिया गया।
देवेंद्र शर्मा नाम के इस डॉक्टर को पिछले दिनों दिल्ली से पकड़ा गया है। वह किडनी केस में पिछले 16 साल से सजा काट रहा था और अब परोल पर बाहर था। 20 दिन बाद उसे वापस जेल जाना था लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गया था। अब पकड़ेजाने के बाद उसे काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुल रहा है।
गैस एजेंसी में लूटकर बेचता सिलेंडरदेवेंद्र शर्मा राजस्थान में डॉक्टरी करते करते कैसे कातिल बन गया यह सब जानना चाहते हैं। पता चला है कि एक निवेश में धोखे के बाद उसने जुर्म का रास्ता चुना था। फिर वह डॉक्टरी के साथ-साथ किडनी ट्रांसप्लांट रैकिट, फर्जी गैस एजेंसी भी चलाने लगा। इतना ही नहीं वह चोरी के वाहन भी बेचता था। अपनी फर्जी गैस एजेंसी के लिए जब उसे सिलेंडर चाहिए होते तो वह गैस डिलिवरी ट्रक लूट लेता और उसके ड्राइवर को मार देता।ड्राइवर्स का शव नहर में फेंकादेवेंद्र कैब ड्राइवर्स को उनकी गाड़ियों के लिए मार देता था। दिल्ली से यूपी जाने के लिए इसके गैंग के लोग जिस टैक्सी को बुक करके उसे ही लूट लेते। पकड़ेजाने के बाद शर्मा ने बताया कि उसने ज्यादातर शवों को उत्तर प्रदेश, कासगंज के हजारा नहर में फेंक दिया। इस नहर में बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं।
डॉक्टर ऐसे बना शैतानशर्मा को अब बीते बुधवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। साल 1984 में देवेंद्र शर्मा ने आर्युवेदिक मेडिसिन में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करके राजस्थान में क्लीनिक खोला। फिर 1994 में उसने गैस एजेंसी के लिए एक कंपनी में 11 लाख का निवेश किया। लेकिन कंपनी अचानक गायब हो गई। फिर नुकसान के बाद उसने 1995 में फर्जी गैस एजेंसी खोल ली।शर्मा ने एक गैंग बनाया जो एलपीजी सिलेंडर लेकर जाते ट्रकों को लूट लेता। इसके लिए वे लोग ड्राइवर को मार देते और ट्रक को भी कहीं ठिकाने लगा देते। इस दौरान उसने गैंग के साथ मिलकर करीब 24 मर्डर किए। फिर देवेंद्र शर्मा किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह में शामिल हो गया। उसने सात लाख प्रति ट्रांसप्लांट के हिसाब से 125 ट्रांसप्लांट करवाए। साथ ही साथ ये लोग कैब ड्राइवर्स को मारकर उनकी कैब लूट लेते। ड्राइवर की बॉडी को नहर में फेंक दिया जाता था, और कैब को यूजड कार बताकर बेच दिया जाता।इसके बाद वह 2004 में पकड़ा गया और 16 साल जयपुर जेल में रहा। फिर अच्छे बर्ताव के लिए उसे जनवरी 2020 को 20 दिन की परोल मिली। लेकिन वह भाग गया और अंडर ग्राउंड हो गया। फिर वह दिल्ली के मोहन गार्डन में छिपकर रहने लगा। यहां वह एक बिजनसमैन को चूना लगाने वाला था। लेकिन पुलिस को उसके यहां होने की भनक लगी और आखिर में उसे पकड़ लिया गया।