राजस्थान / गलता तीर्थ में भ्रमण-हवन के साथ सात दिवसीय ब्रह्मोत्सव का हुआ समापन

Zoom News : Nov 12, 2019, 06:11 PM
जयपुर। उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ श्रीगलताजी में सात दिवसीय ब्रह्मोत्सव का मंगलवार को हवन पूर्णाहुति, भगवान श्रीनिवास और भूदेवी-श्रीदेवी के तीर्थ भ्रमण तथा दीप आराधना के साथ समापन हुआ। गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में  विभिन्न मंदिरों के संतों-महंतों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और देशी-विदेशी पर्यटक आयोजन के साक्षी बने। 

एक ही आसन पर श्रीनिवास भगवान और भूदेवी-श्रीदेवी सुसज्जित पोशाक विराजमान थे। दक्षिण भारतीय वाद्य यंत्रों की मधुर स्वर लहरियों के साथ  पालकी में विराजमान कर उन्हें गलता कुंड ले जाया गया। यहां भगवान ने तीर्थ स्नान किया। गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज और युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने भी स्नान किया। यहां से श्रीनिवास भगवान और भूदेवी-श्रीदेवी ने गलता तीर्थ में चराचर जीवों के कल्याण के लिए भ्रमण किया। शाम को मुख्य मंदिर में देव दिवाली पर दीपदान किया गया।

गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि इससे पूर्व सुबह सीतारामजी मंदिर में दक्षिण भारतीय पद्धति से हवन में आहुतियां अर्पित की गईं। एक ओर जहां मंत्र गूंज रहे थे वहीं दूसरी ओर दक्षिण भारतीय प्राचीन वाद्य यंत्रों से स्वर लहरियां बिखर रही थीं। इससे पूर्व विशेष  अभिषेक, शृंगार, वस्त्राभूषण, भोग अर्पण, नित्य अर्चना, दिव्य प्रबंध पाठ और वैदिक पाठ हुए। भगवान को फुलेरा, पोंगल, खीरान्न, दध्योदन, रसखीर, रवा, केसरी, वड़ा चना, नींबू चावल, रसम, गुड़ पोंगल, कदम भात, उपमा, केसरिया चावल का भोग लगाया गया।

भक्तों को तीर्थ प्रसादी व गोष्ठी ग्रहण की

इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सुधांशु जी कासलीवाल, आदर्श नगर विधान सभा सदस्य श्री रफ़ीक़ खान जी, समाज सेवी रमेश जी शर्मा, प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री बिहारी लाल जी अग्रवाल, श्री खैतान जी सहित शहर के कई गणमान्य जन उपस्थित रहे।

दिनभर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी:

कार्तिक पूर्णिमा पर गलताजी में श्रद्धालुओं  का कारवां उमड़ पड़ा। सुबह चार बजे से  श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया जो दिनभर जारी रहा। महिलाओं और पुरुषों ने अलग-अलग कुंडों पर स्नान किया। स्नान करने के बाद गलता तीर्थ परिसर के सभी मंदिरों में दर्शन किए और दीपक जलाए। पवित्र वृक्षों के नीचे दीपदान कर परिक्रमा की। याचकों को फल, कपड़े, अनाज, राशन सामग्री का दान किया। गायों को हरा चारा खिलाया तो बंदरों को केले डाले। पक्षियों और चिंटियों तक का ध्यान रखा। गलता पीठ की ओर से सभी श्रद्धालुओं को खीचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर के स्वयंसेवकों और पुलिस प्रशासन ने सराहनीय सहयोग दिया। सफाई व्यवस्था का कार्य लगातार जारी रहा।

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