Sex Dolls in India / क्या औरतों को बचाएगी सेक्स डॉल, सहेगी पुरुषों की हर मनमानियां

Zoom News : Jan 07, 2021, 10:03 AM
Sex Dolls in India: पंकज त्रिपाठी की कोई नई फिल्म या वेबसीरीज़ आए तो चर्चा लाज़िमी है। नई वेब सीरीज़ 'क्रिमिनल जस्टिस-बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' में पंकज के अभिनय की प्रशंसा के लिए नए शब्द गढ़े और खोजे जा रहे हैं, लेकिन इन्हीं सब के बीच इस सीरीज़ के विषय पर भी खूब चर्चा हो रही है।

यह कहानी है अनु चौहान नाम की एक महिला की। अनु का रोल अदा किया है ऐक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी ने। अनु के साथ उसका पति अननैचुरल सेक्स करता है। हीन भावना से घिरती जा रही अनु अपनी तकलीफ किसी के सामने बयां भी नहीं कर पाती। सीरीज़ में बताया गया है कि हमारे कानून में रेप अपराध है, लेकिन मैरिटल रेप का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है। यानी पति अगर पत्नी की मर्ज़ी के खिलाफ उसके साथ संबंध बनाए तो वह रेप नहीं माना जाता। सीरीज़ ने हमारे समाज और पुरुषों की मानसिकता पर कई सवाल खड़े किए हैं।

लेकिन इन सवालों के जवाब खंगालने से पहले हम एक बार कजाखिस्तान का रुख करते हैं। यहां यूरी तोलोखो (yuri tolochko) नाम के एक बॉडी बिल्डर हैं, जो अपनी पार्टनर मार्गो से बहुत प्यार करते हैं। मार्गो के साथ वक्त गुजारना उन्हें पसंद है। वह मार्गो के साथ खाते हैं, टीवी देखते हैं और घूमने-फिरने भी जाते हैं। हालांकि ये तमाम बातें आमतौर पर हर आदमी अपने पार्टनर के साथ करता है, लेकिन फिर भी इस रिश्ते में कुछ ऐसा है जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रखा है।

दरअसल मार्गो एक सेक्स डॉल है। रबड़ की एक बेज़ुबान गुड़िया, जो यूरी की सेक्स इच्छाओं को शांत करने का एक ज़रिया है। सेक्स डॉल के साथ रहने वाले यूरी सोशल मीडिया पर किसी सनसनी से कम नहीं। लोग उनके इंस्टा अकाउंट पर जाकर उस रबड़ की गुड़िया को देखना चाहते हैं, जिसने एक इंसान को अपने वश में कर रखा है। यूरी ने पिछले महीने रबड़ की इस गुड़िया मार्गो के साथ शादी भी रचा ली।

अब ज़रा सोचिए कि यूरी की पत्नी मार्गो और 'क्रिमिनल जस्टिस-बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' में अनु चौहान की एक-दूसरे से अदला-बदली कर दी जाए तो क्या वेब सीरीज़ की कहानी या फिर यूरी कि जिंदगी में फर्क आएगा? शायद नहीं।

यूरी को एक ऐसी पार्टनर चाहिए जो सिर्फ उसकी सेक्स इच्छाओं को संतुष्ट करने का काम करे, बिना कोई सवाल-जवाब किए। वेबसीरीज़ में भी मुख्य किरदार अपने पति के लिए किसी सेक्स डॉल से कम नहीं। यूरी का कहना है कि उन्होंने सेक्स डॉल के साथ रहने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि वह खुद मानते हैं कि वह एक सेक्स मैनिएक हैं और ऐसे में कोई सामान्य स्त्री उनके साथ जीवन नहीं बिता सकती। क्या हम भारतीय समाज में मैरिटल रेप करते किसी पुरुष से यह अपेक्षा कर सकते हैं कि वह यह माने कि वह एक सेक्स मैनिएक है?

नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में हर रोज़ 87 रेप केस दर्ज किए गए। साल भर में चार लाख से ज्यादा क्राइम अंगेस्ट वुमन दर्ज किए गए। इन रेप केसेज़ में मैरिटल रेप का एक भी मामला नहीं था क्योंकि हमारा कानून कहता है कि पत्नी अगर 18 साल या उससे बड़ी है तो पति उसके साथ बल का प्रयोग भी करे तो वह अपराध नहीं।

साल 2018 के पहले तो 15 साल से बड़ी पत्नी के साथ भी ज़ोर जबरदस्ती करने का अधिकार पुरुषों को प्राप्त था, लेकिन 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक जजमेंट में 15 से 18 साल की पत्नी के साथ उसकी इच्छा के बगैर संबंध बनाने को रेप की कैटिगरी में डालने का बड़ा फैसला लिया। लेकिन मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में नहीं डाला गया। भारत अभी भी दुनिया के उन 36 देशों में से एक है, जहां मैरिटल रेप अपराध नहीं।

यूएन पॉपुलेशन फंड द्वारा की गई एक स्टडी में सामने आया कि भारत में 15 से 49 साल की शादीशुदा महिलाओं में से दो-तिहाई को मारा-पीटा गया, उनका रेप किया गया या फिर उन्हें सेक्स के लिए मजबूर किया गया। इतनी रिपोर्ट्स और स्टडी के बावजूद कानून बनाने वाले मैरिटल रेप को कानून दर्जा नहीं दे रहे। उन्हें डर है कि शायद इस कानून का ग़लत इस्तेमाल हो सकता है। दलील दी जाती है कि यह कानून हमारी संस्कृति के उलट है, इसके आने से हमारे समाज में अराजकता फैल जाएगी।

विदेशों में सेक्स डॉल चलन में हैं। यहां तक कि इनके वेश्यालय तक खुलने लगे हैं। कहा जा रहा है कि सेक्स डॉल के आने से महिलाओं के प्रति अपराध में कमी आएगी। रबड़ की गुड़िया पुरुषों की मनमानियां बिना कुछ कहे आसानी से झेल रही हैं, लेकिन भारत में अभी न तो सेक्स डॉल का कॉन्सेप्ट है और न ही मैरिटल रेप का। जब तक मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा, तब तक बदकिस्मती से इस देश में पत्नियां ही सेक्स डॉल बनी रहेंगी।

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