दुनिया / साइबेरिया: नदी में बहा 20 हजार टन डीजल, भड़के पुतिन ने लगाई इमरजेंसी

AajTak : Jun 05, 2020, 09:32 AM
रूस:  कोरोना की महामारी के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साइबेरिया में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी है। दरअसल, उन्होंने यह फैसला एक ऊर्जा संयंत्र भंडारण केन्द्र से लगभग 20 हजार टन डीजल बहने के बाद लिया। यह मॉस्को से 2,900 किलोमीटर दूर है।

अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना नॉरिल्स्क शहर के बाहरी इलाके में स्थित ऊर्जा संयंत्र में हुई है। यहां से डीजल बहकर अंबरनाया नदी में पहुंच गया। अंबरनाया नदी का पानी एक झील से मिलता है, जिसका पानी दूसरी नदियों से होते हुए आर्कटिक सागर तक पहुंचता है।

रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल ईंधन को नदी में फैलने से रोकने की कोशिश शुरू की गई है। तेल का रिसाव शुक्रवार को हुआ। इसकी जानकारी दो दिन बाद मिलने पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अधिकारियों पर काफी भड़क गए। पुतिन ने इस घटना के निपटने के तौर तरीकों पर नाराजगी जताई, साथ ही साइबेरिया में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी है।

जिस पावर प्लांट से ईंधन का रिसाव हुआ है वह नॉरलिस्क निकेल की एक इकाई है। यह निकेल और पैलैडियम धातु का उत्पादन करने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनियों में शामिल है। पुतिन ने नॉरलिस्क निकेल (नॉरनिकेल) की सहायक कंपनी एनटीईके की भी आलोचना की है। घटना के बाद पुतिन ने अधिकारियों को इस बहाव से होने वाली क्षति को कम से कम पैमाने पर रोकने का आदेश दिया है।

उधर, कंपनी नॉरलिस्क निकेल ने अपने बयान में कहा है कि डीजल का रिसाव होने के बारे में समय से और सही ढंग से जानकारी दे दी गई थी। बताया गया कि फ्यूल टैंक और पावर प्लांट में लगे एक पिलर के धंसने से तेल रिसना शुरू हुआ है। यह प्लांट पर्माफ्रॉस्ट मिट्‌टी पर बना है। मौसम गर्म होने के साथ यह पिघलने लगती है। यही वजह है कि प्लांट में लगा पिलर धंसने लगा।

इस मामले पर वर्ल्ड लाइफ फंड रूस के संचालक एलेक्सी का कहना है कि इस प्रकार डीजल का लीक होना पर्यावरण के साथ जानवरों के लिए भी घातक है। इससे मछलियों और अन्य संसाधनों को नुकसान पहुंचेगा। इस घटना से कुल मिलाकर एक करोड़ 30 लाख डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है।

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