देश / केरल और कर्नाटक में ISIS आतंकवादियों की काफी संख्या में मौजूदगी : UN

News18 : Jul 25, 2020, 04:05 PM
जिनेवा। आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations Report) की एक रिपोर्ट में आगाह किया गया है केरल और कर्नाटक (Keral and Karnataka) में आईएसआईएस आतंकवादियों (ISIS Terroist) की “काफी संख्या” हो सकती है और इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा आतंकवादी संगठन, क्षेत्र में हमले की साजिश रच रहा है। यह माना जाता है कि इस संगठन में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यामां के 150 से 200 आतंकवादी हैं।


रिपोर्ट में अल-कायदा भारत के कई राज्यों में सक्रिय होने की बात

आईएसआईएस, अल-कायदा और संबद्ध व्यक्तियों एवं संस्थाओं से संबंधित विश्लेषणात्मक सहायता एवं प्रतिबंध निगरानी दल की 26वीं रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) तालिबान के तहत अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार प्रांतों से काम करता है। इसमें कहा गया कि खबरों के मुताबिक संगठन में बांग्लादेश, भारत, म्यामां और पाकिस्तान से 150 से 200 के बीच सदस्य हैं। एक्यूआईएस का मौजूदा सरगना ओसामा महमूद है।।।जिसने मारे गए आसिम उमर की जगह ली है।।।खबरें हैं कि एक्यूआईएस अपने पूर्व आका की मौत का बदला लेने के लिए क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की साजिश रच रहा है।

आईएसआईएल के भारतीय सहयोगी में करीब 200 सदस्य

रिपोर्ट के मुताबिक एक सदस्य राष्ट्र ने खबर दी है कि 10 मई, 2019 को घोषित, आईएसआईएल के भारतीय सहयोगी (हिंद विलायाह) में 180 से 200 के बीच सदस्य हैं। इसमें कहा गया कि केरल और कर्नाटक राज्यों में आईएसआईएल सदस्यों की अच्छी-खासी संख्या है।


पिछले साल की मई में की गई थी ये घोषणा।।।

पिछले साल मई में, इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस, आईएसआईएल और दाएश के तौर पर भी जाना जाता है) आतंकवादी संगठन ने भारत में नया “प्रांत” स्थापित करने का दावा किया था। यह कश्मीर में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद अनोखी तरह की घोषणा थी।

खूंखार आतंकवादी संगठन ने अपनी अमाक समाचार एजेंसी के माध्यम से कहा था कि नयी शाखा का अरबी नाम “विलायाह ऑफ हिंद” (भारत प्रांत) है। जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस दावे को खारिज किया था। इससे पहले, कश्मीर में आईएसआईएस के हमलों को इसके तथाकथित खुरासान प्रांतीय शाखा से जोड़ा जाता रहा है जिसका गठन 2015 में हुआ था और जिसका लक्ष्य “अफगानिस्तान, पाकिस्तान और पास के क्षेत्र” थे

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