Live Hindustan : Apr 27, 2020, 03:36 PM
Coronavirus: कोरोना वायरस संक्रमण होने पर बुखार, कफ, थकान, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण होते हैं, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन बड़ी चुनौती यह है कि अधिकतर संक्रमित लोगों में इस तरह के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। यानी बहुत से लोग संक्रमित तो होते हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते। इस बीच अमेरिका में कोरोना संक्रमण के छह नए लक्षणों की पहचान की गई है।कोरोना वायरस के नए लक्षणअमेरिका में जन स्वास्थ्य की सबसे बड़ी संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इन छह लक्षणों की पहचान की है। सीडीसी ने कहा है कि ठंड लगना, ठंड से शरीर कंपकपाना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश और स्वाद या गंध में पहचान की शक्ति में कमी होना भी कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। इस स्वास्थ्य संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि नाक बहना दुर्लभता से ही किसी संक्रमित में पाया जाता है और छींकना कोरोना वायरस का लक्षण नहीं है।पहले बताए गए थे ये लक्षणसीडीसी ने पहले कहा था कि बुखार, कफ, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण कोरोना वायरस संक्रमण में होते हैं। कुछ ही महीने पहले चीन से निकले इस वायरस ने दुनियाभर में 29 लाख 71 हजार लोगों को संक्रमित किया है तो 2 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मरीजों में दिख रहे हैं अनेक तरह के लक्षणसीडीसी ने वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करते हुए कहा है कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों में कई प्रकार के लक्षण दिखते हैं। कुछ में हल्के लक्षण होते हैं तो कुछ गंभीर रूप से बीमार होते हैं। वायरस के संपर्क में आने के 2-14 दिन में ये लक्षण दिख सकते हैं।सीडीसी ने आगे कहा कि शरीर कई रूप से सचेत करता है और ऐसा होने पर तुरंत मेडिकल देखभाल की जरूरत है। इनमें सांस लेने में तकलीफ, छाती में लगातार दर्द या दबाव, नए भ्रम या अक्षमता उत्पन्न होना, चेहरा या होंठ नीला पड़ना आदि शामिल हैं। सीडीसी के मुताबिक अन्य कोरोना संक्रमितों में कई तरह के दूसरे लक्षण भी दिखे हैं। मरीज बढ़ने के साथ सामने आ रहे हैं नए लक्षणविश्व स्वास्थ्य संगठन और सीडीसी ने पहले लोगों को बुखार, सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ होने पर सचेत होने को कहा था। इसके बाद बहुत से लोगों ने स्वाद और सूंघने की शक्ति खोने की भी शिकायत की थी। इसके बाद कुछ मामलों में दस्त जैसे गेस्ट्रो संबंधी लक्षण भी दिखे। कुछ युवा और बच्चे मरीजों के पैरों पर बैंगनी या नीले रंग के घाव भी उभरे। अमेरिका में कुछ डॉक्टरों ने 30 से 40 वर्ष के मरीजों में अचानक स्ट्रोक के लक्षण भी देखे हैं, जो खून का थक्का बनने की वजह से हो रहा है।