कोरोना वायरस / कुछ अस्पतालों में महज़ कुछ मिनटों की ऑक्सीजन बची है: हाईकोर्ट से दिल्ली सरकार

Zoom News : Apr 22, 2021, 05:35 PM
नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की लगातार कमी आ रही है। इस बीच, दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने ऑक्सीजन सपोर्ट की तुरंत मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अस्पताल ने याचिका दायर कर कहा है कि उसके यहां तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत है और अस्पताल में 70 कोविड के गंभीर मरीज भर्ती हैं। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि समस्या यह है कि कुछ राज्यों द्वारा केंद्र के आवंटन का सम्मान नहीं किया जा रहा है। इन राज्यों का स्थानीय प्रशासन केंद्र द्वारा तय की गई ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोक रहा है। 

अस्पताल ने हाई कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका में कहा, ''वर्तमान में 70 मरीज गंभीर हैं और आईसीयू में भर्ती हैं। 48 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और इन सभी को तुरंत ऑक्सीजन का हाई फ्लो चाहिए। प्रतीक्षा सूची में कम से कम 172 मरीज हैं, जिनमें से 64 उच्च ऑक्सीजन सहायता की आवश्यकता है।'' दिल्ली हाई कोर्ट में सरोज अस्पताल ने आज ही याचिका दायर की है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देश दिया गया है कि अगर कोई भी ऑक्सीजन के परिवहन में बाधा डालता है, तो उनके साथ कठोरता से निपटा जाएगा। हमें तत्काल जवाब देने की भावना के साथ जिम्मेदारी की भावना के साथ प्रतिक्रिया करनी होगी। कोर्ट ने कहा, ''संभवत: गृह मंत्रालय को इस पर काम करने की जरूरत है।'' इस पर एसजी ने रिप्लाई किया, ''दिल्ली सरकार को किसी दुखी गर्लफ्रेंड की तरह काम करने के बजाय बातचीत शुरू करने की जरूरत है।''

एडिशनल सेकरेट्री ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया, ''हमने आज सुबह दिल्ली सरकार के साथ बैठक की है। चीफ सेकरेट्री ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर संतुष्ट थे। कुछ योजनाएं और रणनीति की जानकारी साझा की गई है। दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर हम कई राज्यों के साथ करीब से मिलकर काम कर रहे हैं।''

उन्होंने यह भी बताया कि आज, दिल्ली को उत्तराखंड के प्लांट्स से मेडिकल ऑक्सीजन मिली है। उत्तराखंड में भी मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन हम दिल्ली को प्राथमिकता दे रहे हैं। मामले राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी बढ़ रहे हैं। इस वजह से इन सबको ध्यान में रखते हुए हमें संभावित एलॉकेशन करना चाहिए। एकतरफा कुछ भी नहीं होना चाहिए।

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