कोरोना योद्धा / राजस्थान की सोनू ने पेश की मिसाल, घर में मास्क सिलकर गांव में मुफ्त ही बांटे

कोरोना वायरस महामारी के दौर में एकतरफ उससे लड़ रहे डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की फौज है तो ऐसे भी कोरोना योद्धाओं की कमी नहीं है, जो अपने तरीके से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में समाज की मदद कर रहे हैं। ऐसी ही एक कोरोना योद्धा राजस्थान के उदयपुर जिले के छोटे से गांव की सोनू गुर्जर भी है। जब महामारी फैली तो उनके गांव और आसपास के इलाके में पर्याप्त मात्रा में मास्क ही उपलब्ध नहीं थे।

AMAR UJALA : Apr 15, 2020, 03:36 PM
Coronavirus: कोरोना वायरस महामारी के दौर में एकतरफ उससे लड़ रहे डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की फौज है तो ऐसे भी कोरोना योद्धाओं की कमी नहीं है, जो अपने तरीके से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में समाज की मदद कर रहे हैं। ऐसी ही एक कोरोना योद्धा राजस्थान के उदयपुर जिले के छोटे से गांव की सोनू गुर्जर भी है।

सोनू ने न केवल घर पर मास्क सिलकर अपने गांव में इसकी निशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित की, बल्कि ग्रामीणों को मास्क पहनने से महामारी से होने वाले बचाव के लिए जागरूक भी किया। उदयपुर के पंचवटी सर्किल के मावली गांव की 28 वर्षीय सोनू को एड एट एक्शन इंटरनेशनल के लाइवलीहुड एजुकेशन एंड डेवलपमेंट (आई-लीड) प्रोग्राम के तहत सिलाई प्रशिक्षण मिला था।

जब महामारी फैली तो उनके गांव और आसपास के इलाके में पर्याप्त मात्रा में मास्क ही उपलब्ध नहीं थे। गांव में पान का खोखा चलाने वाले बाबूलालजी गुर्जर की बेटी सोनू का कहना है कि मैं सिलाई जानती थी, इसलिए मैंने सोचा कि घर पर ही मास्क बनाकर जरूरतमंदों के बीच मुफ्त बांटकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।

कक्षा 12 तक शिक्षा प्राप्त सोनू को इस काम में सहयोग मिला गांव के उप सरपंच भूपेंद्र सिंह गुर्जर का, जिन्होंने पर्याप्त मात्रा में इको फ्रेंडली, रियूजेबल और स्वास्थ्य की दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण मास्क बनाने के लिए कपड़ा उपलब्ध कराया। इसके बाद सोनू की मां केसर देवी और भाभी पूर्णिमा ने भी मास्क बनाने में उसका साथ देना शुरू कर दिया।

भूपेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि गांव वालों को मुफ्त मास्क उपलब्ध करवाने की पहल सरहनीय है। मुझे खुशी है कि गांव की बेटी और उसके परिवार के सदस्य इस पहल के लिए आगे आए हैं।  सोनू गुर्जर के अभियान को लेकर लाइवलीहुड एजुकेशन के प्रोग्राम डायरेक्टर (साउथ एशिया) डॉ. ऐश्वर्य महाजन कहते हैं कि सोनू ने इस पहल के जरिए दूसरे युवाओं के लिए उदाहरण पेश किया है।  

रोजाना बनाती है 50 मास्क, बांटेगी 2500 लोगों में

सोनू का कहना है कि वह रोजाना 50 मास्क तैयार कर लेती है। अपने गांववालों के बाद अब उसका लक्ष्य आसपास के इलाकों में कम से कम 2500 लोगों को निशुल्क मास्क उपलब्ध कराना है।