श्रीनगर / महबूबा ने कहा- भारत ने जनता के बदले जमीन को तवज्जो दी, कश्मीरियों से उनका हक छीना जा रहा

Dainik Bhaskar : Aug 03, 2019, 10:35 AM
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में बीते कुछ दिनों से राज्य के विशेष दर्जे (अनुच्छेद 35ए) के संबंध में किसी फैसले की संभावनाओं के मद्देनजर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा- अब मामला आर-पार का हो चुका है। भारत ने जनता के बजाय जमीन को तवज्जो दी। हाल ही में केंद्र सरकार ने कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त बलों की तैनाती की है।

अफवाहों से घाटी में तनाव बढ़ रहा: महबूबा

दरअसल, शुक्रवार रात राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था। इस दौरान महबूबा ने राज्यपाल से कहा- अफवाहों को दूर कीजिए। घाटी में इसके कारण तनाव बढ़ रहा है।

मलिक ने प्रतिनिधिमंडल को बताया- सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अमरनाथ यात्रियों पर हमले की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्देश जारी किए गए। सुरक्षा बल इस मामले को पूरी तरह से देख रहे हैं। कोई भी आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगा। इसी वजह से यात्रियों को निर्देश जारी किए गए।

इसके बाद महबूबा ने ट्वीट्स के जरिए कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर अपना मत रखा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आप एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के प्यार को जीतने में नाकाम रहे, जिसने धार्मिक आधार पर विभाजन को खारिज किया और धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना।’’

महबूबा ने कहा, ‘‘मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब हमेशा कहा करते थे कि कश्मीरियों को जो कुछ मिलेगा, वह उनके अपने देश भारत से मिलेगा। लेकिन आज ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए उनके पास जो कुछ भी बचा था, यह देश उनसे वह बलपूर्वक छीनने की तैयारी कर रहा है।’’ मुफ्ती मोहम्मद सईद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संस्थापक थे। दो बार राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी में आतंकी हमले के इनपुट के मद्देनजर जल्द से जल्द वापस लौटने की सलाह दी है। हालांकि यात्रा पहले भी आतंकी खतरे के साये में ही पूरी होती रही है।

इससे पहले राज्यपाल मलिक ने राज्य के मौजूदा हालात को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स मूवमेंट के नेता शाह फैसल, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चैयरमैन सज्जाद लोन समेत पूर्व मंत्री इमरान अंसारी भी शामिल थे।

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