रायपुर / अश्लील सीडी कांड की छत्तीसगढ़ में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, सरकार को नोटिस

Dainik Bhaskar : Oct 22, 2019, 03:27 PM
रायपुर |  सुप्रीम कोर्ट ने एक पूर्व मंत्री के कथित अश्लील सीडी कांड के मामले में छत्तीसगढ़ की निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी है। पीठ ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की ट्रांसफर याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीबीआई ने मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है।

यह मामला 27 अक्टूबर 2017 का है। सीबीआई ने यह सीडी गढ़ने और उसे फैलाने का मामला दर्ज किया था। सोमवार को सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ को बताया कि इस मामले के दो गवाहों को धमकी दी जा रही है और राज्य पुलिस उनके खिलाफ मामले दर्ज कर रही है, इसलिए सीबीआई चाहती है कि मुकदमे को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाए।

मामले के दो गवाहों ने धमकी की शिकायत की है। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न मामले को किसी अन्य राज्य में सुनवाई के लिए भेज दिया जाए। दिवाली के बाद मामले की सुनवाई होगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई की डेट अभी तय नहीं की है। 

सीबीआई की चार्जशीट  : गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने मामले में रायपुर की एक विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें कैलाश मुरारका, विजय पंडया और तीन अन्य को आरोपी बनाया गया था। जांच के दौरान एक और आरोपी रिंकू खनूजा ने इस साल जून में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी), 471 ( जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और आईटी अधिनियम की 67 ए (जो कोई भी झूठी जानकारी प्रकाशित करता है या प्रसारित करता है या प्रकाशित करने का कारण बनता है) के तहत दर्ज किया गया था। हालांकि आरोपियों ने सीडी की तैयारी या प्रचलन में शामिल होने से इनकार किया था।

कांग्रेस बाेली- 

नाेटिस का उचित जवाब देगी सरकार

कांग्रेस ने सुप्रीम काेर्ट के नाेटिस का स्वागत किया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता अारपी सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी का न्यायपालिका में पूरा भराेसा है। सुप्रीम काेर्ट की नाेटिस का राज्य सरकार उपयुक्त तरीके से जवाब देगी।

ये अहम केस जो दूसरे राज्यों में भी चले 

2002: बिल्किस बानो गैंगरेप को मामले को अहमदाबाद से मुंबई भेज दिया था।

2003 : पूर्व सीएम जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई चेन्नई के बाद बेंगलुरू में हुई।

2004 : सुप्रीम कोर्ट ने बेस्ट बेकरी मामले को भी गुजरात से मुंबई भेज दिया।

2012: सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख़ फर्ज़ी मुठभेड़ मामले को गुजरात से मुंबई भेज दिया था।

2017 : उन्नाव रेप केस के सभी मामले यूपी से दिल्ली ट्रांसफर किया गया।

2018: जम्मू और कश्मीर के कठुआ रेप केस पंजाब के पठानकोट भेजी गई।

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